मिथुन चक्रवर्ती : करें गणेश आराधना
विश्वासपात्र व्यक्ति से बचकर रहें
जन्म : 16 जून 1950, कोलकाता मिथुन का जन्म जिस समय हुआ उस समय सूर्य जिस राशि पर विराजमान थे, उसी के प्रभाव स्वरूप मिथुन आर्थिक संपन्नता का सुख उठा रहे हैं। सूर्य कुंडली में जिस स्थान पर बैठा है, उससे मिथुन के दीर्घसूत्री एवं घूमने-फिरने के स्वभाव को बताता है इससे उनकी कार्यक्षमता को अधिक से अधिक बढ़ाता है।मंगल से ही मिथुन को अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त हुई हैं। परंतु पुत्र से पूर्ण सुख प्राप्त होने के कम योग बनते हैं। मंगल बुध की राशि पर विराजमान होने से मिथुन को कृतज्ञ एवं मेहनती स्वभाव का बनाते है।मिथुन की कुंडली में बुध जिस भाव में बैठा है उसके परिणाम स्वरूप धर्म एवं सज्जन लोगों के प्रति श्रद्धावान बनाता है। कुंडली में गुरु नवम भाव में विराजमान रहने से देश-विदेश से सम्मान के साथ-साथ विदेश से पूँजी दिलवाता है। गुरु कुंडली में शनि की राशि कुंभ में विराजमान है। इसके प्रभाव से मिथुन आर्थिक रूप से संपन्न हैं। कुंडली में शुक्र एकादश भाव में है जो कि जातक को धर्मालु बनाता है, धन का आगमन निरंतर बना रहता है। शनि मिथुन को महत्वाकांक्षी बनाता है। जिस राशि पर शनि विराजमान है। वह पुत्र कष्ट दे सकता है, अत: शनि की शांति अवश्य करना चाहिए एवं सूर्य आराधना करना चाहिए।
मिथुन का जन्म मंगल की महादशा में हुआ है, मिथुन की जन्म राशि भी मिथुन ही है। वर्तमान में बुध की महादशा चल रही है जो कि 29/5/2004 से 29/5/2021 तक रहेगी। बुध की महादशा वर्तमान में शुक्र की अंतरदशा 23/10/2007 से 23/8/2010 तक रहेगी। एवं शुक्र की अंतरदशा में बुध की ही प्रत्यंतरदशा 23/6/2010 तक रहेगी। शुक्र की अंतरदशा के बाद सूर्य की अंतरदशा 29/6/2011 तक रहेगी। मिथुन को वर्तमान में गणेश जी की आराधना करना चाहिए। शुक्रवार को किसी कन्या को सफेद वस्त्र दान करना चाहिए। 20 जून से अगस्त प्रथम सप्ताह तक विरोधी समस्या खड़ी कर सकते हैं। आत्मविश्वास से काम लें, सफलता मिलेगी। इस दौरान लंबी यात्रा न करें। (हितकर नहीं है)। पारिवारिक समस्या से चिंताग्रस्त रहेंगे। अगस्त मध्य से अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक आपके भाग्य का सितारा चमकता रहेगा। गुणों की प्रशंसा होगी। लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अक्टूबर से नवंबर तक किसी भी विवाद में न पड़ें, परेशानी आ सकती है। दिसंबर से जनवरी प्रथम सप्ताह तक शुभ कार्य होने से आनंद का समय व्यतीत होगा। जनवरी मध्य से फरवरी अंत के बीच कोई विश्वासपात्र व्यक्ति ही आपके साथ विश्वासघात कर सकता है। अत: सतर्कता रखें। मार्च तक धार्मिकता की ओर रुझान बढ़ेगा। परिवार में समझौतावादी विचार से रहने से फायदा मिलेगा। 29
/6/2011 के बाद चंद्र की अंतरदशा रहेगी जो कि 29/11/2012 तक रहेगी। शनिवार के दिन बड़े व्यक्ति से संपर्क न करें। 5, 10, एवं 15 तारीख को शुभ कार्य न करें। मिथुन को कार्य में सफलता के लिए गले में पन्ना, पुखराज एवं हीरे का संयुक्त लॉकेट धारण करना चाहिए।