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Written By WD

धीरूभाई अम्बानी

धीरूभाई अम्बानी
भारत के नामी उद्योगपतियों में से एक रिलायंस ग्रुप के संस्थापक श्री धीरूभाई अम्बानी का जन्म 28 दिसम्बर 1932 को एक साधारण परिवार में हुआ था। अपनी मेहनत और लगन से इस स्थान पर पहुँचे धीरूभाई धनु लग्न एवं नवांश में जन्मे थे। इस प्रकार लग्न वर्गोत्तम हुआ जो कि सफलता का सूचक है।

लग्न में भाग्येश कि स्थिति तथा गुरु का केन्द्रीय प्रभाव लग्न को सशक्त कर रहा है। लग्नेश दशम भाव में भाग्येश लग्न में धनेश धन में तथा लाभेश एवं दशमेश की युति महाधनी बना रही है। आपकी कुण्डली में धन भाव में स्वराशि का शनि तथा दशम भाव से गुरु की दृष्टि धनी बना रही है। यही योग श्री हर्षद मेहता की कुण्डली में भी पाया गया है।

यह योग कुछ सट्टे की प्रवृत्ति भी बनाता है। दशम भाव का गुरु प्रायः व्यकित को उच्च स्थान में अवश्य ले जाता है। यह योग को कई सफल व्यक्तियों की कुण्डलियों में देखा गया है। गुरु के दशम में होने से 'अमला योग' का निर्माण हो रहा है। यह योग जिस जातक की कुण्डली में हो वह अपने परिवार में उच्च नाम अवश्य पाता है।

धनु लग्न की कुण्डली में सूर्य एवं मंगल योगकारक ग्रह माने जाते हैं। गुरु भी लग्नेश होने का शुभफल प्रदान करता है। द्वितीय भाव में स्वराशि का शनि पेट्रोलियम के क्षेत्र से लाभ अर्जित करवा रहा है। लाभ भाव में तुला राशि के कारण कपड़े के क्षेत्र से लाभ कमाया परन्तु आने वाला समय आपको पेट्रोलियम किंग के नाम से ही जानेगा।

आपका जन्म शुक्र की महादशा में हुआ। तृतीयस्थ राहू की दशा में आपने व्यापार में अपने आपको जमाया। गुरु की महादशा आरम्भ हुई तो इस दशा काल में आप भारत के ही नहीं अपितु विश्व के श्रेष्ठ महाधनी में गिने जाने लगे। यह दशा अप्रैल 1998 तक रही।