• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. करियर
  4. »
  5. आलेख
Written By ND

प्री बोर्ड फोबिया से बचने की जरूत

करियर
- शांतिभूषण

ND
ND
स्कूलों में चल रही प्री-बोर्ड परीक्षाओं को ही अंतिम मानकर छात्र इन दिनों तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। साल भर पाठ्यक्रम को गंभीरता से न लेने वाले बच्चों में अधिक तनाव है। प्री बोर्ड को लेकर बच्चों में बढ़ते तनाव ने अभिभावकों की भी चिंता बढ़ा दी है। शिक्षक भी मानते हैं कि प्री बोर्ड एक तरह से फाइनल की तरह होता है। इसलिए छात्रों व अभिभावकों का चिंतित होना स्वाभाविक है। परीक्षा के दिनों में छात्र दबाव में होते हैं, जिससे तनाव भी बढ़ जाता है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की प्री बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर 12वीं के छात्र भारी तनाव में हैं। स्कूलों में चल रही प्री बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन की होड़ ने छात्रों को तनावग्रस्त कर दिया है। स्कूलों द्वारा बेहतर परीक्षा परिणाम प्रदर्शित करने के लिए प्री बोर्ड के आधार पर ही छात्रों के वार्षिक फॉर्म भरवाए जाते हैं। इसके अलावा 12वीं की परीक्षा छात्र जीवन में विशेष महत्व होता है, इसलिए छात्र प्री बोर्ड में बेहतर प्रदर्शन के चक्कर में तनावग्रस्त देखे जा रहे हैं। अनुमान के अनुसार एक चौथाई छात्र इन दिनों गंभीर तनाव के दौर से गुजर रहे हैं।

फरीदाबाद के रेयन स्कूल के छात्र निशांत, रवि, आलोक, आदि का कहना है कि प्री बोर्ड की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर उनको अपना मैरिट साबित करना होता है। 12वीं के बाद आगे क्या करना है इसका फैसला भी परिणाम पर निर्भर करता है। अभिभावक भी परीक्षा में बेहतर परिणाम की उम्मीद करते हैं। दूसरे प्री बोर्ड के आधार पर ही स्कूल बच्चों की तैयारी करवाते हैं। कई बार प्री बोर्ड में कमजोर रहे छात्रों को परीक्षाओं में भी नहीं बैठने दिया जाता। इसलिए वह घंटों पढ़ती है, जिससे कई बार तनाव भी हो जाता है।

ND
ND
क्या कहते हैं अभिभावक

अभिभावक एकता मंच के महासचिव महेंद्र सैनी बताते हैं कि बेहतर परिणाम व अगले सत्र में छात्रों को आकर्षिक करने के चक्कर में स्कूलों द्वारा छात्रों पर अधिक बोझ डाल दिया जाता है। जिसके कारण अभिभावक के साथ-साथ प्रबंधन के दबाव में बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं।

क्या कहते हैं शिक्षा शास्त्री व काउंसलर

शिक्षा-शास्त्री एवं रियान की प्राचार्य इंदू कपिला व विशेषज्ञ एडी भट्ट बताते हैं कि 12वीं कक्षा करियर का टर्निंग प्वाइंट होता है। परीक्षा के परिणाम के आधार पर बच्चे के भविष्य की दिशा निर्धारित होती है। इसलिए अध्यापक, अभिभावक व छात्रों का प्रयास होता है कि बेहतर प्रदर्शन किया जाए। कई बार बेहतर प्रदर्शन के चक्कर में बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसके लिए प्लानिंग के साथ तैयारी करने की जरूरत है।

परीक्षा की तैयारी के टिप्स-

अध्ययन करते समय पढ़ी जा रही लाइनों पर पेन या फिर पेंसिल का कर्सर की तरह प्रयोग करते चलें। इससे ध्यान इधर-उधर भटकने की बजाय शब्दों पर केंद्रित रहेगा।

संतुलित आहार व नींद लें। अनिंद्रा से स्मरणशक्ति व एकाग्रता प्रभावित होती है।

परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र लंबे समय तक व लगातार पढ़ने से बचें।

बीच-बीच में मनोरंजन के लिए गेम व टीवी आदि का सहारा लें।

अभिभावक व शिक्षक बच्चों पर अत्यधिक व अनावश्यक दबाव न बनाएँ।

बच्चों को आने ढंग से मानसिक स्तर के अनुसार तैयारी करने दें।