• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. करियर
  4. »
  5. गुरु-मंत्र
  6. मेडि‍कल एंट्रेंस प्रि‍परेशन टि‍प्‍स
Written By WD

मेडि‍कल एंट्रेंस प्रि‍परेशन टि‍प्‍स

Guru Mantra | मेडि‍कल एंट्रेंस प्रि‍परेशन टि‍प्‍स
ND

देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों की चयन परीक्षा की तुलना में यह पैटर्न के आधार पर थोड़ी भिन्न होती है। परीक्षा सिलेबस स्कूली पाठ्यपुस्तकों के दायरे तक ही सीमित होता है लेकिन इसमें परंपरागत फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के अलावा अंग्रेजी और रीजनिंग से जुड़े सवाल भी शामिल किए जाते हैं।

जाहिर है कि इसकी तैयारी थोड़ी हटकर करनी जरूरी हो जाती है तभी सफलता पाने के अवसर इसमें मिल सकते हैं। तो आइए चर्चा करते हैं ऐसे ही उपयोगी टिप्स की जिनके सहारे इस परीक्षा में सफलता प्राप्ति के मौके और बढ़ सकें।

1. संपूर्ण सिलेबस की समाप्ति और कई बार रीविजन करने के बाद ही मॉडल टेस्ट पेपर्स की शुरुआत करें।

2. ईमानदारी से स्वयं को प्रदर्शन के आधार पर आंके। मुश्किल टॉपिक्स पर दोबारा ध्यान देते हुए रीविजन करें। इस प्रकार देखेंगे कि मॉक टेस्ट में आपके प्रदर्शन में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

3. रोज सुबह का समय एक निर्धारित प्लानिंग के अनुसार रीविजन पर भी लगाएं। इससे याद रखने में आसानी होगी।

4. विशेषज्ञों की राय में दस पुस्तकों को एक-एक बार पढ़ने से अच्छा है कि एक ही अच्छी पुस्तक को दस बार रिवाइज किया जाए। इससे दिमाग में काफी कुछ संजोकर रखा जा सकता है।

ND
5. सहायक पुस्तकों की खरीद में ध्यान रखें कि ज्यादा हेल्प बुक्स न खरीदें और दूसरा यह कि हमेशा सबसे ज्यादा लोकप्रिय पुस्तक ही खरीदें।

6. परीक्षा के कुछ समय पहले से ही नए टॉपिक्स पर समय लगाना बंद कर दें और पहले से की गई पढ़ाई पर ही फोकस करें।

7. इस प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं का उद्देश्य प्रत्याशियों के स्कूली ज्ञान की परख के साथ संबंधित विषय की मूलभूत जानकारियों का आकलन करना होता है। इसलिए अध्ययन के वक्त विषय की गहराई को तर्क के आधार पर समझने का प्रयास अवश्य करें। इससे भूलने की स्थिति कम हो जाएगी।

8. अन्य प्री-मेडिकल टेस्ट्स की तुलना में यह परीक्षा अपेक्षाकृत मुश्किल कही जा सकती है क्योंकि इसमें अत्यंत कम सीटें ही एमबीबीएस के लिए उपलब्ध होती हैं। लेकिन यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि यह डिग्री को आजीवन सफलता का पर्याय है।

9. परीक्षा के एक से दो दिन पहले से ही दिमाग और शरीर को थकान से बचाने के प्रयास शुरू कर देने चाहिए। इसका फायदा तरोताजा दिमाग और स्फूर्तिदायक अहसास के तौर पर परीक्षा हॉल में महसूस किया जा सकता है। जाहिर है कि अंतिम नतीजों पर इसका सकारात्मक प्रभाव अवश्य नजर आएगा।