• Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. फिल्म समीक्षा
  4. Roohi, Film Review, Rajkumar Rao, Jahnvi Kapoor
Written By
Last Updated : गुरुवार, 11 मार्च 2021 (15:16 IST)

रूही : फिल्म समीक्षा

रूही : फिल्म समीक्षा - Roohi, Film Review, Rajkumar Rao, Jahnvi Kapoor
सिनेमाघर खुले महीनों हो गए हैं, लेकिन 'रूही' के रूप में पहली ऐसी फिल्म रिलीज हुई है जिसको लेकर दर्शकों में उत्सुकता है। जिसके लिए वे जान को जोखिम में डाल कर सिनेमाघर जाने की सोच सकते हैं। राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर जैसे सितारे फिल्म में हैं। इस फिल्म पर उन्हीं लोगों ने पैसा लगाया है जिन्होंने 'स्त्री' जैसी देखने लायक फिल्म दी थी। 'रूही' देखने के बाद महसूस होता है कि इस फिल्म को केवल 'स्त्री' की सफलता को दोहराने के लिए बनाया गया। शायद प्रोड्यूसर्स को लगा कि हॉरर-कॉमेडी के नाम पर उनके हाथ फॉर्मूला लग गया है और केवल इसके दम पर फिल्म को सफल और बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन 'रूही' में यह फॉर्मूला बुरी तरह फ्लॉप रहा है। फिल्म इस कदर बुरी है कि देखना मुश्किल हो जाता है। 
 
स्त्री की तरह रूही की कहानी भी एक छोटे कस्बे में सेट है। दो दोस्त भंवरा पांडेय (राजकुमार राव) और कतन्नी (वरुण शर्मा) पत्रकार हैं, लेकिन पार्टटाइम किडनैपर भी हैं। बताइए, पत्रकारों का कितना बुरा समय आ गया है। आसपास के कस्बों में 'पकड़वा विवाह' की हवा है। इसमें किसी भी लड़की को उठाकर उसकी मर्जी के खिलाफ लड़के से शादी करा दी जाती है। बॉलीवुड में इस विषय पर कुछ फिल्में बनी हैं और सभी बुरी रही हैं। 
 
ये दोनों दोस्त रूही (जाह्नवी कपूर) का अपहरण कर लेता है। वे उसे सीधे शादी के मण्डप पर ले जाए उसके पहले ऐसी घटना होती है कि रूही को ये दोनों जंगल ले जाते हैं। रात में पता चलता है कि रूही पर अफजा नामक आत्मा का साया है। इधर रूही को भंवरा दिल दे बैठता है और अफजा को कतन्नी। 
 
कहानी पढ़ने में या सुनने में दिलचस्पी लगती है, लेकिन स्क्रिप्ट राइटिंग, डायरेक्शन और एक्टिंग डिपार्टमेंट ने फिल्म को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।  
 
अब चुड़ैल से भला कोई कैसे प्यार कर सकता है? आखिर अफजा में कतन्नी को ऐसी क्या बात नजर आती है? ये बताने की कोशिश नहीं की गई है। 
 
दृश्यों का सीक्वेंस सही नहीं लगता। कभी भी कोई सा भी सीन आ टपता है। 'पकड़वा विवाह' को लेकर बनाए गए मजाक बुरे हैं। झाड़-फूंक और टोने-टोटके केवल अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं। 
 
कई बातें अस्पष्ट हैं। मसलन, रूही को जंगल क्यों ले गए? रूही के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। इस तरह के प्रश्न फिल्म देखते समय परेशान करते हैं। 
 
किडनैपिंग के सीन को बहुत लंबा खींचा गया है। मजेदार या मनोरंजक सीन बहुत ही कम है। इंटरवल के बाद फिल्म बोर है और क्लाइमैक्स बेहद निराशाजनक। 
 
निर्देशक हार्दिक मेहता फिल्म को संभाल नहीं पाए, सब आउट ऑफ कंट्रोल रहा। कुछ सीन अच्छा फिल्मा लेना ही निर्देशन नहीं होता। 
 
राजकुमार राव बेहतरीन एक्टर हैं, लेकिन इस फिल्म में वे निराश करते हैं। वरुण शर्मा 'फुकरे' के किरदार से ही बाहर नहीं आना चाहते। कब तक उन्हें इसी अंदाज में देखते रहेंगे। जाह्नवी कपूर की एक्टिंग देखने के बाद बहुत से फिल्म निर्माता उन्हें अपनी फिल्मों में लेने का इरादा त्याग देंगे। 
 
कुल मिलाकर 'रूही' देखना समय और पैसे की बर्बादी है। 
 
निर्माता : दिनेश विजन, मृगदीप सिंह लाम्बा
निर्देशक : हार्दिक मेहता
संगीत : सचिन-जिगर
कलाकार : राजकुमार राव, जाह्नवी कपूर, वरुण शर्मा
* 2 घंटे 15 मिनट 
रेटिंग : 1/5