हैनकॉक : बिगड़ैल सुपरहीरो
निर्माता : विल स्मिथनिर्देशक : पीटर बर्ग कलाकार : विल स्मिथ, चार्लीज़ थेरॉन, जेसन बेटेमेन, एडी मॉर्सनरेटिंग : * * 1/2 हीरो होते हैं, सुपरहीरो होते हैं और हैनकॉक जैसा सुपरहीरो भी होता है। जॉन हैनकॉक अलग किस्म का सुपरहीरो है। सुपरहीरो को सभी पसंद करते हैं, लेकिन हैनकॉक से लोग तंग आ चुके हैं। उससे वे नफरत करते हैं और बच्चे उसे चिढ़ाते हैं। हैनकॉक पक्का पियक्कड़ बन चुका है और शराब पीकर सड़कों के किनारे पड़ा रहता है। किसी से सीधे मुँह बात नहीं करता। हवा में उड़ते हुए जब वह नीचे उतरता है तो सड़कों में गड्ढे पड़ जाते हैं और लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। वह कोई भी भलाई का काम करने जाता है तो गड़बड़ी हो जाती है और बदले में उसे लोगों की गालियाँ खानी पड़ती हैं। कुलमिलाकर हम उसे बिगड़ैल सुपरहीरो कह सकते हैं। सुपरहीरो की हम कई फिल्म देख चुके हैं, लेकिन बिगड़ैल सुपरहीरो एक नया विचार है। हैनकॉक अपने बारे में जानना चाहता है। वह भी चाहता है कि उसे कोई प्यार करें। लेकिन उसका कोई नहीं है और इस वजह से उसके अंदर गुस्सा भरा हुआ है। फिल्म का शुरुआती भाग नयापन लिए हुए है और मध्यबिंदु तक फिल्म अपनी पकड़ बनाए रखती है। इस में शानदार स्पेशल इफेक्ट और स्टंट दृश्य देखने को मिलते हैं। हँसने के लिए कुछ मजेदार संवाद भी हैं। एक बार एक पीआर एक्जीक्यूटिव रे एम्ब्रे की जान हैनकॉक बचाता है। इस एहसान का बदला रे उसे सुधारकर चुकाना चाहता है। वह हैनकॉक को सलाह देता है कि उसे एक सुपरहीरो की तरह व्यवहार करना चाहिए। सुपरहीरो की तरह कपड़े पहनना चाहिए। लोगों से नम्रता से पेश आना चाहिए। यानी कि सुपरहीरो को सुधारने की कोशिश। बिगड़ैल सुपरहीरो सही रास्ते पर आने लगता है। रे की पत्नी को हैनकॉक का उसके घर आना और उसके बेटे से बात करना पसंद नहीं है क्योंकि हैनकॉक के अतीत का राज वह जानती है। भेद खुलता है, लेकिन मजा नहीं आता। इस हिस्से में निर्देशक और लेखक ने भावनाएँ पैदा करने की फिजूल कोशिश की है। कमजोर कहानी की वजह से ये भावनाएँ बेअसर हो जाती हैं। निर्देशक पीटर बर्ग ने अपने कलाकारों से उम्दा काम लिया है, लेकिन फिल्म में उन्होंने जो ट्विस्ट दिया है उससे फिल्म का प्रभाव कम हो गया है। फिल्म के स्टंट और स्पेशल इफेक्ट्स उल्लेखनीय है। इतनी सफाई से ये फिल्माए गए हैं कि एकदम वास्तविक लगते हैं। विल स्मिथ ने पूरी फिल्म का भार अपनी कंधों पर ढोया है। एक बिगड़ैल और चिड़चिड़े सुपरहीरो की भूमिका उन्होंने बड़ी आसानी से निभाई है। विल के प्रशंसकों को उनका यह रूप बेहद पसंद आएगा। जेसन बेटेमेन ने अपनी भूमिका को बखूबी अंजाम दिया है जो किसी भी हालत में अपना धैर्य नहीं खोता। समर्पित पत्नी जो कि एक राज छिपाए हुए के रूप में चार्लीज़ थेरॉन का अभिनय भी अच्छा है। ‘हैनकॉक’ एक बार देखी जा सकती है, हालाँकि अपेक्षाओं पर फिल्म खरी नहीं उतरती। एक्शन और हास्य के ट्रेक पर जब तक फिल्म चलती है, अच्छी लगती है। लेकिन ट्रेक बदलते ही प्रभावहीन हो जाती है।