बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम की कहानी
बैनर : फिनिक्स मल्टीडायमेंशन्स, फ्राईडे नाइट प्रोडक्शन्स, विवेक अग्निहोत्री क्रिएट्स
निर्माता : सुरेश चुक्कापल्ली, अभिजीत पई, विवेक अग्निहोत्री
निर्देशक : विवेक अग्निहोत्री
संगीत : रोहित शर्मा
कलाकार : अरुणोदय सिंह, अनुपम खेर, माही गिल
रिलीज डेट : 13 मई 2016
विक्रम पंडित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बिज़नेस का छात्र है। वह प्रोफसेर जमशेद बाट्की का चहेता है। बाट्की के विचारों से विक्रम बेहद प्रभावित होता है। बाट्की द्वारा लिखे गए लेखों को वह अपने नाम से प्रकाशित करता है। ये लेख भारत में गरीबों की दुर्दशा से संबंधित है। इन्हें वह ब्लॉग और फेसबुक पर भी पोस्ट करता है।
कहानी भारत में वंचितों की पीड़ा दिखाती है। यह समस्या आदिम है, जिसका उपाय समकालीन होना चाहिए। विक्रम ऐसा ही एक समाधान प्रस्तुत करता है जो सभी लालफीताशाही और राजनीतिक बाधाओं का बायपास है। यह एक ऐसा विचार है जो अविश्वास को कम करता है। एक सामूहिक इच्छा शक्ति और आर्थिक संसाधनों की ताकत तेजी से परिणाम ला सकती है।
जैसे-जैसे कहानी की परतें खुलती हैं और विक्रम के आसपास जमा लोगों के चेहरों से परदा उठता है, विक्रम को महसूस होता है कि वह किनके खिलाफ है। उसकी खुद की जिंदगी दांव पर लग जाती है।