ऑस्कर सेरेमनी में पहनने के लिए विधु विनोद चोपड़ा के पास नहीं था सूट, आडवाणी ने दिलवाया था पासपोर्ट
Vidhu Vinod Chopra: बॉलीवुड के फेमस फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म '12वीं फेल' को लेकर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म को दर्शकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान विधु ने अपने पुराने दिनों को याद किया है।
एक इंटरव्यू के दौरान विधु विनोद चोपड़ा ने बताया कि साल 1979 में पासपोर्ट, वीजा या कोई पैसा न होने के बावजूद, वह अमेरिका में प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भाग लेने में कामयाब रहे थे। विधु ने 1978 में शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री 'एन एनकाउंटर विद फेसेज' बनाई थी, जो ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई थी।
विधु विनोद चोपड़ा के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो ऑस्कर सेरेनमी में शिरकत के लिए जा पाएं। उनके पास सेरेमनी में पहनने के लिए सूट खरीदने तक के पैसे नहीं थे। इस कारण वो कुर्ता पायजामा पहन कर ऑस्कर सेरेमनी में गए थे। वहीं पासपोर्ट दिलाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने उनकी सहायता की थी।
लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू के दौरान विधु विनोद चोपड़ा ने कहा,जब उन्हें 1978 की डॉक्यूमेंट्री, एन एनकाउंटर विद फेसेस के लिए अकादमी पुरस्कार नामांकन की खबर मिली थी। सबसे पहले उन्होंने यह खबर अपने पिता के साथ साझा की थी। उनके पिता बेटे के उत्साह को समझ नहीं सके क्योंकि इसमें कोई मौद्रिक इनाम शामिल नहीं था।
उन्होंने कहा, जब ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुआ, न मेरे पास टिकट के लिए पैसे थे, न वीजा था न ही पासपोर्ट था, तो विदेश जा तो सकते नहीं थे, इसलिए ऑस्कर से बस एक हफ्ता पहले मैं दिल्ली गया और तब के तत्कालीन आई एंड बी मंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
विधु ने कहा, आडवाणी ने मुझे एयर इंडिया का टिकट दिया। वीजा तो नहीं दिलवा सके लेकिन कुछ दिनों में बिना वेरिफिकेशन के लिए 6 महीने का पासपोर्ट दिलाया था। का दो दिन में दिला दिया था। मैं वीजा के लिए मुंबई ऑफिस चला गया था। मैं शनिवार को वहां पहुंचा था और ऑस्कर सोमवार को था। सुरक्षा गार्ड अंग्रेजी में बोल रहा था, नहीं नहीं, सोमवार को वापस आना।'
उन्होंने कहा, मुझे ये बात अच्छी नहीं लगी और इस बारे में बात करने लगा। तभी एक अमेरिकी व्यक्ति ने यह देखा और पूछा कि क्या हो रहा है। विधु विनोद चोपड़ा ने बताया कि ऑस्कर में जगह बनाने के लिए उन्हें वीजा प्रोटो की आवश्यकता है। ये सुन उस शख्स ने कहा- क्या तुम साबित कर सकते हो कि तुम्हारा नाम ऑस्कर में गया है।
विधु ने कहा, यह दिखाने के लिए अखबार की हेडलाइन निकालीं कि वह बातें नहीं बना रहे थे। हालांकि उस दिन उनकी छुट्टी थी, लेकिन फिर भी उन्होंने निर्माता को अंदर बुलाया। एक घंटे बाद उन्होंने विधञ को तीन महीने के लिए वैध एकल-प्रवेश वीजा दिया।
विधु विनोद चोपड़ा इस तरह से ऑस्कर में अपनी जगह बना पाए थे। हालांकि इस सेरेमनी में पहने के लिए उनके पास सूट नहीं था इस वजह से उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर समारोह में भाग लिया था।