फरहान अख्तर बोले- मेरे अंदर का निर्देशक थोड़ा शांत बैठ गया लेकिन मैं कुछ दिलचस्प कर रहा हूं
फरहान अख्तर को किसी फिल्म का निर्देशन किए एक दशक बीत गया है लेकिन फिल्म निर्माता-अभिनेता इसकी परवाह नहीं करते क्योंकि वह कैमरे के सामने विविध भूमिकाओं को निभाकर सौभाग्यशाली महसूस करते हैं।
फरहान अख्तर ने 2001 में 'दिल चाहता है' से निर्देशन में कदम रखा था और उसे बाद रितिक रोशन के साथ 2004 में लक्ष्य और 2006 में शाहरुख खान अभिनीत डॉन का निर्देशन किया था। निर्देशक के तौर पर उनकी आखिरी फिल्म 2011 में आई डॉन 2 थी।
जिंदगी न मिलेगी दोबारा, भाग मिल्खा भाग, दिल धड़कने दो और द स्काई इज पिंक जैसी फिल्मों में अभिनय से चर्चा में आए फरहान अख्तर ने कहा, काफी हद तक यह सच है कि मेरे अंदर का निर्देशक चुप बैठ गया है क्योंकि मुझे दिलचस्प भूमिकाएं मिलने लगी। इतने वर्षों में मुझे जो काम करने को मिला उसके लिए मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं। जब चीजे आपके मुताबिक चलती हैं तो न कहना मुश्किल हो जाता है।
2008 में आई म्यूजिक ड्रामा फिल्म 'रॉक ऑन' से अभिनय की शुरुआत करने वाले फरहान ने एक इंटरव्यू में कहा, आपका जिंदगी के लिए एक डिजाइन है लेकिन जिंदगी का भी आपके लिए एक डिजाइन है इसलिए आपको सही संतुलन बैठाना होता है। लेकिन मैं अभिनय के अवसरों की तलाश करने के साथ ही निर्देशक के तौर पर काम करने पर भी विचार कर रहा हूं।
फरहना अख्तर अपनी अपकमिंग फिल्म तूफान को लेकर उत्साहित हैं जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है। राकेश ओमप्रकाश मेहरा की तूफान अजीज अली उर्फ अज्जू भाई के अपराधी से राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज बनने की कहानी है। अख्तर और मेहरा ने इससे पहले 2013 में भाग मिल्खा भाग में एक साथ काम किया था।
फरहान अख्तर ने कहा, हम बहुत ही अजीब दौर में जी रहे हैं। हम बहुत उत्तेजित हो जाते हैं जिससे कई घाव लग जाते हैं। इन घावों पर मरहम लगाना कुछ ऐसा ही है जो हमने इस फिल्म में दिखाने की कोशिश की है। यह ऐसी फिल्म है जो संदेश देती है जो कुछ प्रासंगिक मुद्दों पर बात करती है।