मसीहा से कम नहीं थे पुनीत राजकुमार, 46 स्कूल, 26 अनाथ आश्रम और 16 वृद्धाश्रम का उठाते थे खर्चा
पुनीत राजकुमार ने महज 10 साल की उम्र में पहला नेशनल अवॉर्ड भी जीत लिया था
puneeth rajkumar birth anniversary: साउथ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार के अचानक निधन से हरकोई हैरान रह गया था। पुनीत राजकुमार अगर आज जिंदा होते तो अपना 50वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे होते। पुनीत राजकुमार भले ही इस दुनिया में नहीं हो, लेकिन आज भी वह करोड़ों दिलों पर राज करते हैं।
पुनीत मशहूर एक्टर राजकुमार के बेटे थे। पुनीत राजकुमार को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। पुनीत राजकुमार ने महज 10 साल की उम्र में पहला नेशनल अवॉर्ड भी जीत लिया था।
उन्हें 1985 में बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। पुनीत को उनके फैंस प्यार से 'अप्पू' कहकर बुलाते थे। पुनीत ने लगभग 30 से ज्यादा कन्नड़ फिल्मों में काम किया है, जिसमें से कई फिल्मों ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की।
पुनीत राजकुमार सैंडलवुड के ऐसे एक्टर थे, जिनकी 14 फिल्में लगभग 100 दिनों तक थिएटर से नहीं हटी थीं। वह कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर्स में शुमार थे। पुनीत राजकुमार जीतने अच्छे एक्टर थे उतने ही बड़े समाजसेवक भी थे।
पुनीत 46 फ्री स्कूल, 26 अनाथ आश्रम, 16 वृद्धाश्रम और 19 गौशालाओं का संचालन करते थे। इसके अलावा वह कई कन्नड़ भाषी स्कूलों की आर्थिक मदद भी करते थे। इतना ही नहीं मरने के बाद एक्टर की आंखे भी दान कर दी गई थी। इसके बाद पूरे कर्नाटक में करीब 1 लाख लोगों ने अपनी आंखे दान कर दी थी।
पुनीत राजकुमार का निधन 19 अक्टूबर 2021 को हार्ट अटैक की वजह से हो गया था। पुनीत की लोकप्रियता इतनी थी कि उनके निधन के बाद पूरे बेंगलुरु शहर में धारा 144 लागू करना पड़ी थी। शहर में शराब की बिक्री पर भी दो दिन रोक लगा दी गई थी। उनके अंतिम दर्शन के लिए 30 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे।