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Written By WD Entertainment Desk
Last Modified: शुक्रवार, 18 अगस्त 2023 (16:30 IST)

'मेड इन हेवन 2' को लेकर किए गए याशिका दत्त के दावों को जोया अख्तर ने बताया गलत, पोस्ट जारी कर दी सफाई

'मेड इन हेवन 2' को लेकर किए गए याशिका दत्त के दावों को जोया अख्तर ने बताया गलत, पोस्ट जारी कर दी सफाई | made in heaven 2 zoya akhtar deny all claims made by author yashica dutt
made in heaven 2: जोया अख्तर की 'मेड इन हेवन 2' को लेकर हर तरफ खूब चर्चा है। जहां इस सिरीज को दर्शक पसंद कर रहें है, वहीं, इस वेब सीरीज को लेकर कई तरह के दावें भी हो रहे हैं। हाल में ही लेखिका याशिका दत्त ने भी सोशल मीडिया पर एक दावा किया था और जोया एंड टीम पर आरोप लगाया कि 'मेड इन हेवन 2' में दिखाई गई कहानी उनकी लाइफ और बुक कमिंग आउट एज दलित पर आधारित है।
 
अब जोया अख्तर, रीमा कागती, अलंकृता श्रीवास्तव और नीरज घेवान ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए इस पूरे मैटर पर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे वो किसी का भी हक और क्रेटिड नही मारेंगे। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, हम लेखिका याशिका दत्त द्वारा मेड इन हेवन में अपने 'योगदान' का औपचारिक श्रेय लेने का दावा करने के संदर्भ में भ्रामक रिपोर्टों और टिप्पणियों से बहुत परेशान हैं, यह शो वेडिंग प्लानर्स और उल्लेखनीय दुल्हनों पर आधारित है, जो हमारे समाज में गहराई से बसे भेदभावों को चुनौती देते हैं।
 
उन्होंने लिखा, एपिसोड 5 - 'द हार्ट स्किप्स ए बीट' में, हम एक काल्पनिक किरदार पल्लवी मेनके के जीवन पर नजर डालते हैं। पल्लवी मेनके विदर्भ क्षेत्र की एक महाराष्ट्रीयन अंबेडकरवादी हैं, जिन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। वह जाति-निरपेक्ष उपनाम का उपयोग करके बड़ी हुईं, और उन्हें पल्लवी कुमार कहा जाता था। उन्होंने अब अपना ओरिजनल सरनेल रिक्लेम कर लिया है, जो दलित समुदाय के सदस्य के रूप में उनकी असली पहचान का प्रतीक है। पल्लवी मेनके एक अकादमिक हैं, जो कोलंबिया में पढ़ाती हैं, और उनके प्रोफेसर के रूप में नियुक्त होने की संभावना है।
 
जोया ने लिखा, वह एमनेस्टी पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं। यह सब उन्हें उनके ससुराल वालों का सम्मान दिलाता है, जो एक अलग जाति से हैं। साथ ही, उनके ससुराल वालों का मानना है कि एक दलित के रूप में उनकी पहचान को कालीन के नीचे दबा देना ही बेहतर है। एपिसोड का असल मुद्दा यह है कि क्या पल्लवी को शादी की उन रस्मों के लिए लड़ना चाहिए जो उनकी पहचान का प्रतीक हैं, या नहीं। 
 
उन्होंने लिखा, इसमें से कुछ भी याशिका दत्त के जीवन या उनकी किताब - 'कमिंग आउट एज दलित' से नहीं लिया गया है। हम किसी भी दावे से स्पष्ट रूप से इनकार करते हैं कि सुश्री दत्त का जीवन या काम हमारे द्वारा हथियाया गया था।'
 
'कमिंग आउट' 1950 का अकादमिक एलजीबीटीक्यूआईए शब्द है जिसका इस्तेमाल पहली बार 2007 में भारतीय जाति पहचान के संदर्भ में श्री सुमित बौद्ध द्वारा किया गया था। उन्होंने तारशी के लिए लिखे एक लेख में इसका इस्तेमाल किया था। एक दशक बाद इसका इस्तेमाल सुश्री दत्त ने अपनी किताब में किया। यह शब्द तब से जाति-पहचान को रिक्लेम करने के लिए आम बोलचाल का विषय बन गया है।
 
उन्होंने कहा, एपिसोड में किरदार, पल्लवी मेनके बस इस संदर्भ में इसका उपयोग करती है। किरदार खुद को जिम्मेदार नहीं ठहराता है और न ही उसे इस शब्द को गढ़ने या दलित संदर्भ में इसके उपयोग का अग्रदूत होने का श्रेय दिया गया है। एपिसोड में पल्लवी मेनके अपनी दादी की पिछली कहानी का जिक्र करती हैं। टॉयलेट्स की सफाई की यह कहानी इसलिए शामिल की गई क्योंकि यह एक सामान्य इतिहास है जो समुदाय के हमारे शोध में बार-बार सामने आता है।
 
पल्लवी मेनके की काल्पनिक किताब, 'डिनाइड' सुजाता गिडला की एंट्स अमंग एलिफेंट्स, सूरज येंगड़े की कास्ट मैटर्स, यशिका दत्त की कमिंग आउट एज़ दलित और सुमित बौध की तारशी लेख जैसी कई किताबों के लिए एक हैट-टिप है। हमारे मन में उनके और उनके अनुभवों और उनके काम के प्रति बहुत सम्मान है जिसने जाति आधारित भेदभाव पर अच्छी रोशनी डाली है।
 
अपने पिछले काम और इस एपिसोड के माध्यम से, नीरज घेवान ने चर्चा को और बढ़ा दिया है। हमने यह शो ईमानदारी, जुनून और पूरे दिल से बनाया है और हमें जो प्यार मिला है उससे हम अभिभूत हैं। हम उन कहानियों और आवाज़ों को मंच देना जारी रखेंगे जो वास्तव में हमसे बड़ी हैं। 
Edited By : Ankit Piplodiya
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