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Last Modified: रविवार, 5 जुलाई 2020 (18:34 IST)

अमिताभ बच्चन के बंगले में लगा 43 साल पुराना पेड़ हुआ धराशायी, बिग बी ने शेयर की यादें

अमिताभ बच्चन के बंगले में लगा 43 साल पुराना पेड़ हुआ धराशायी, बिग बी ने शेयर की यादें - amitabh bachchan sad gulmohar tree in their garden which uprooted ue to rain
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ट्विटर और इंस्टाग्राम पर तो सक्रिय रहते ही हैं साथ ही वो अपने ब्लॉग पर भी लगातार लिखते रहते हैं। अपनी दिनचर्या हो या कोई खास मौका अमिताभ अपने अनुभव फैंस के साथ शेयर करते हैं। बीते दिनों मुंबई में भारी बारिश हुई जिसके चलते उनके बंगले 'प्रतीक्षा' में लगा हुआ गुलमोहर का पेड़ उखड़कर गिर गया।

 
अमिताभ के घर में लगा ये गुलमोहर का पेड़ करीब 43 साल पुराना था। अमिताभ ने इससे जुड़ी अपनी कई यादें साझा की हैं। अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग में लिखा कि उन्होंने भारी मन से उस पेड़ को अलविदा कहा, जो उनके बंगले 'प्रतीक्षा' में सालों से खड़ा था। 
 
ब्लॉग में उन्होंने अपने मां-बाबूजी से लेकर अभिषेक बच्चन-ऐश्वर्या राय की शादी तक के किस्से भी शेयर किए, जो इस घर से और वहां खड़े उस पेड़ से जुड़े थे। अमिताभ ने ब्लॉग में लिखा, 'इसने (गुलमोहर के पेड़ ने) अपना सेवाकाल समाप्त किया और अब गिर चुका है। अपनी जड़ों से टूटकर अलग गिर चुका है, और इसी के साथ इसकी 43 साल पुराना इतिहास भी गिर गया है। इसकी जिंदगी और वह सब कुछ जिसका वह प्रतिनिधित्व करता था।'
 
उन्होंने लिखा, बच्चे इसके आसपास खेलकर बड़े हुए, इसी तरह पोते-पोतियां भी, उनके जन्मदिन और त्योहारों की खुशियां भी इस गुलमोहर के पेड़ के साथ सजी। बच्चों ने इससे कुछ ही फीट की दूरी पर शादी की और यह उनके ऊपर अभिभावक की तरह था। जब मां बाबूजी का निधन हुआ तब इसकी शाखाएं दुख से झुक गई थीं। उनकी प्रार्थना सभा, 13वें दिन शोक की छाया थी।
 
इसकी शाखाएं दुख और शोक के भार से झुक गई थीं, जब इसके वरिष्ठ बाबूजी, मां जी चले गए थे। उनके जाने के 13 और 12 दिन बाद हुई उनकी प्रार्थना सभा के दौरान सभी इसकी छाया में खड़े थे। जब होली के उत्सव के एक दिन पहले बुरी शक्तियों को जलाया जाता है, इसी तरह दीपावली की सारी रोशनी इसकी शाखाओं को निहारती थी। और आज वो सभी दुखों से दूर चुपचाप गिर गया, बिना किसी आत्मा को नुकसान पहुंचाए... नीचे फिसला और वहां अचेत हो गया।
 
अमिताभ ने आगे लिखा, 1976 में जिस दिन हम अपने पहले घर में आए थे, जिसे इस पीढ़ी ने कभी खरीदा और बनाया था, और इसे अपना कहा था। इसे एक पौधे के रूप में लगाया गया था, तब ये सिर्फ कुछ इंच ऊंचा था... और इसे लॉन के बीच में लगाया गया था। 
 
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अमिताभ ने घर का नाम 'प्रतीक्षा' रखने की वजह भी बताई। उन्होंने लिखा, हमने बाबू जी और मां को अपने साथ रहने के लिए कहा। बाबू जी ने घर को देखा और इसका नाम दिया प्रतीक्षा। यह उनकी एक रचना की पंक्ति से आया है, स्वागत सबके लिए यहां पर, नहीं किसी के लिए प्रतीक्षा।
 
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