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Written By ND

'परमोसन' की रबड़ी में सितारों की अंगुलियां

रमन मलिक

''परमोसन'' की रबड़ी में सितारों की अंगुलियां -
ख्..ख्..ख्..ख्.. ख़ान.."फ्रॉम दी एपिग्लॉटिस" जी ने पिछले दिनों अपनी बहुचर्चित..बहुप्रचारित.. बहुबजटीय और बहुउद्देश्यीय फिल्म "रा-वन" का म्यूजिक रिलीज़ किया। यह कोई नई बात नहीं थी। हर फिल्म के पहले उसका म्यूजिक रिलीज किया जाता है, लेकिन बड़ा था शाहरुख खान का यह रिलीज कार्यक्रम..वो भी इतना बड़ा कि लोग हैरान रह गए।

कुछ ने तो यह टिप्पणी ही कर डाली कि इतने रुपयों में तो एक छोटी-मोटी फिल्म ही बनाई जा सकती थी। इसके अलावा बादशाह खान छोटे पर्दे पर भी अपनी फिल्म से जुड़े प्रमोशनल इवेंट लाने की तैयारी में हैं, जिसके प्रोमोख्..ख्..ख्..ख्.. ख़ान.."फ्रॉम दी एपिग्लॉटिस" जी ने पिछले दिनों अपनी बहुचर्चित..बहुप्रचारित.. बहुबजटीय और बहुउद्देश्यीय फिल्म "रा-वन" का म्यूजिक रिलीज़ किया। यह कोई नई बात नहीं थी। हर फिल्म के पहले उसका म्यूजिक रिलीज किया जाता है, लेकिन बड़ा था शाहरुख खान का यह रिलीज कार्यक्रम..वो भी इतना बड़ा कि लोग हैरान रह गए।

कुछ ने तो यह टिप्पणी ही कर डाली कि इतने रुपयों में तो एक छोटी-मोटी फिल्म ही बनाई जा सकती थी। इसके अलावा बादशाह खान छोटे पर्दे पर भी अपनी फिल्म से जुड़े प्रमोशनल इवेंट लाने की तैयारी में हैं, जिसके प्रोमोज़ आप टीवी चैनल पर देख सकते हैं। इस फिल्म के कुछ ही पहले एक और खान भाई ने बॉडीगार्ड बनकर अपनी फिल्म का प्रचार किया और ढेर सारी प्रमोशनल एक्टिविटीज में भाग लिया, जिसका लाभ बॉक्स ऑफिस पर बरस पड़ा। वैसे इन साहब की फिल्मों का प्रमोशन हमेशा इतना तगड़ा होता है कि इनकी "बेकहानी" फिल्में भी धड़ल्ले से चलती हैं..बल्कि कहिए बॉक्स ऑफिस पर सुपर एक्सप्रेस की गति से दौड़ पड़ती हैं और बाकी सबको पीछे छोड़ देती हैं। अब इसके पीछे की कहानी फिर कभी। फिलहाल तो मुद्दा है फिल्म इंडस्ट्री में प्रमोशन के नए शगल का। तो हम उसके ही पीछे पड़ते हैं।

आज के युग में अगर कोई चीज़ सब पर हावी है तो वो है पैकेजिंग और प्रमोशन। एक सामान्य बिस्किट से लेकर डेढ़ सौ करोड़ की लागत से बनी रा-वन तक... हर क्षेत्र पर इन दोनों विधाओं का कब्जा है। एक सामान्य बजट की फिल्म से लेकर महाबजट वाली फिल्म तक के लिए आजकल प्रमोशनल एक्टिविटीज़ का बोलबाला रहता है। इसके अंतर्गत सितारों द्वारा किसी रिएलिटी शो में जाने से लेकर किसी धारावाहिक का हिस्सा बनना, किसी खास ब्रांड को इंडोर्स करना, आम जनता से मिलना और उनसे फिल्म से जुड़े आसान सवाल पूछकर पुरस्कृत करना, म्यूजिक रिलीज़ करना, तरह-तरह के मर्चेन्डाइज बाजार में लाना, रेडियो स्टेशन्स पर जाना, समाचार चैनल्स का हिस्सा बनना और जरूरत पड़े तो लोगों के घर-घर जाकर फिल्म का प्रमोशन करना। यानी कि प्रमोशन के नाम पर हर तरह से फिल्म का प्रचार कर डालना।

कुछ इस तरह कि लोग सोचने लगें...यार, ये फिल्म तो देखनी ही है..चाहे कुछ भी हो जाए। असल में प्रमोशन का नाम फिल्म इंडस्ट्री में नया नहीं है, लेकिन आज इसका आकार-प्रकार इतना बढ़ गया है कि खुद फिल्म भी इसके वजन के नीचे दबी नजर आती है। फिल्म के बजट के अतिरिक्त करोड़ों रुपए इसके प्रमोशन के नाम पर खर्च किए जाते हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर इतने पैसे खर्च करने के बाद मुनाफे की आकाँक्षा कैसे की जाती होगी?

जाहिर है कि कोई भी व्यक्ति अपना पैसा बेवजह तो खर्च करने से रहा? जवाब यह कि असल में फिल्म के ओवरसीज़ राइट्स, चैनल्स को दिए अधिकार, म्यूजिक राइट्स, मर्चेन्डाइज राइट्स आदि-इत्यादि बेचने के बाद आसानी से फिल्म बनाने वाला तो मुनाफा कमा ही लेता है। बहुत मुनाफा न भी कमाए तो वह घाटे में तो नहीं रहता। यानी प्रचार के बाद मिलने वाली बॉक्स ऑफिस की राशि उसके लिए अतिरिक्त मुनाफा साबित होती है। इस तरह प्रमोशन का पूरा गणित लगाकर, बाजार का सर्वे करने के बाद प्रमोशन की गतिविधियाँ की जाती हैं।

यही वजह है कि आपको आमिर खान लोगों की कटिंग करते दिखाई दे सकते हैं या फिर रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा किसी म्यूजिक के प्रोग्राम में शिरकत करते नजर आएँगे। गौरतलब है कि इस म्यूजिक रिएलिटी शो में रणबीर बकायदा एक प्रतिभागी के साथ सात फेरे लेने का "खेल" भी खेल चुके हैं।

पिछले ही दिनों आई फिल्म "मेरे ब्रदर की दुल्हन" के प्रमोशन के लिए कैटरीना कैफ और इमरान खान एक लाफ्टर शो में शिरकत करते दिखे थे।

और फिल्म 'मौसम' के लिए शाहिद कपूर तथा सोनम कपूर कौन बनेगा करोड़पति खेलने से लेकर शहर-शहर घूम रहे हैं। वहीं 'फोर्स' फिल्म के लिए एट पैक्स बना चुके जॉन अब्राहम ‍अखाड़े में कुश्ती लड़ने तक का काम कर रहे हैं। गरज यह कि आप सितारों को खाना खिलाने और गाना गवाने से लेकर नचवाने, पुरस्कार देने, अपनी फिल्म से जुड़े प्रोडक्ट लांच करवाने तथा झूठी शादी रचवाने तक के काम प्रमोशन के नाम पर करवा सकते हो। इससे फिल्म को वैसे भी प्रचार मिलता है और अगरचे कोई 'कंट्रोवर्सी' खड़ी हो गई तो फायदा दोगुना हो जाता है।