शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
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Written By समय ताम्रकर

बॉबी देओल : ‘चमकू’ से चमकने की चाहत

बॉबी देओल : ‘चमकू’ से चमकने की चाहत -
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बॉबी देओल की पहली फिल्म बरसात 1995 में प्रदर्शित हुई थी। 13 वर्ष का समय अपने आपको स्थापित करने के लिए बहुत ज्यादा होता है,लेकिन अब तक बॉबी नायकों की दौड़ में लंगड़ाते हुए दौड़ रहे हैं। वे अपने पिता की एक चौथाई या अपने भाई की आधी सफलता भी हासिल नहीं कर पाए। यदि उन्हें धरम या सनी का साथ न मिला होता तो वे कब के गुमनामी के अँधेरे में खो चुके होते।

अभी भी बॉबी के करियर को गति देने के लिए इन्हें फिल्म बनानी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि बॉबी ने हिट फिल्में नहीं दीं, लेकिन ‘गुप्त’, ‘सोल्जर’, ‘बिच्छू’ और ‘हमराज’ जैसी सफल फिल्मों के बीच ढेर सारी डिब्बा फिल्मों का ढेर भी उन्होंने दिया है।

न स्टार, न अभिनेता
धर्मेन्द्र एक अभिनेता होने के साथ-साथ स्टार भी रहे। उनका लंबा करियर दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता का सबूत है। सनी देओल ने स्टार होने के साथ-साथ अभिनय का एक स्टाइल बनाया। एक्शन फिल्मों में वे खूब सराहे गए। लेकिन बॉबी देओल न अच्छे अभिनेता हैं और न ही स्टार बन पाए। बड़े बैनर्स और स्टार नायिकाएँ भी उन्हें कामयाबी नहीं दिलवा पाए। उन्होंने प्रेम कहानी आधारित फिल्मों (करीब, बरसात, झूम बराबर झूम) के साथ-साथ एक्शन फिल्मों में भी किस्मत आजमाई, लेकिन सफलता उनसे रूठी रही।

‘चमकू’ चमकाएगी?
बॉबी देओल के पास इस समय गिनी-चुनी फिल्में हैं। पिछले दो-तीन वर्षों से उन्होंने फ्लॉप फिल्मों का ढेर लगा दिया है। इसीलिए उनके लिए ‍धर्मेन्द्र के घरेलू बैनर विजयेता फिल्म्स ने ‘चमकू’ फिल्म बनाई है। फिल्म का शीर्षक अजीबो-गरीब है। शीर्षक से पता ही नहीं चलता कि फिल्म एक्शन है या कॉमेडी है या कुछ और। वैसे ‘चमकू’ एक एक्शन फिल्म है, जिसमें ड्रामा भी है। बॉबी और प्रियंका की जोड़ी वाली इस फिल्म में दो सकारात्मक बातें हैं। डैनी, राजपाल यादव, इरफान खान और रितेश देशमुख जैसे सहकलाकार और निर्देशक कबीर कौशिक।

कबीर ने इसके पूर्व ‘सेहर’ (2005) बनाई थी, जिसे सिर्फ सराहना मिली थी। इसमें अरशद वारसी और महिमा चौधरी ने काम किया था। वैसे सुनने में आया है ‍कि ‘चमकू’ को लेकर सनी और कबीर के बीच कुछ खटपट हो गई है। इस फिल्म की संगीत रिलीज़ पार्टी से कबीर नदारद थे। फिल्म की फाइनल एडिटिंग के वक्त सनी ने अपनी टाँग अड़ाई जो कबीर को बर्दाश्त नहीं हुई।

फिल्म निर्देशक का माध्यम है और यह काम उसे ही करने देना चाहिए लेकिन सनी क्या करें बॉबी के प्रति उनके दिल में बहुत प्यार है और यही प्यार कई बार बॉबी का ही अहित कर देता है।