अक्सर जब मुँह में छाले हो जाते है तो कुछ भी खाना-पीना व गटकना तक मुश्किल हो जाया करता है। कई बार जीभ पर भी छाले हो जाया करते हैं। ऐसी हालत में कुछ भी न खाते बनता है न उगलते ही बनता है।
अजीर्ण व पेट में कब्ज होने की अवस्था में अक्सर हमारे मुँह में छाले हो जाया करते हैं। अमाशय व आँतों में सूजन व घाव होने पर मुँह में छालों की उत्पत्ति हो जाया करती है। पेट की गर्मी की वजह से भी मुँह में छाले हो जाते हैं।
छाले होने पर उपचार :
शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुँह के छालों पर करें और लार को मुँह से बाहर टपकने दें।
मुँह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए।
कत्था, मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुँह के छालों पर लगाने चाहिए।
अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुँह में रखने से अथवा केवल गूदे को मुँह में रखने से मुँह के छाले दूर हो जाते हैं।
अमरूद के कोमल पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
अनार के 25 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में ओंटाकर चतुर्थांश शेष बचे क्वाथ से कुल्ला करने से मुँह के छाले दूर होते हैं।
सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटना चाहिए।
नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से मुँह के छाले दूर होते हैं।
पानी में तुलसी की लकड़ी घिसकर उसमें शहद मिला लें। इसे छालों पर लगाने से छाले ठीक होते हैं।
रात को सोने से पहले शहद में हरड़ का चूर्ण मिलाकर चाटना चाहिए।