पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत की पेशकश की है। ये भी कहा गया है कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर संपर्क की बहाली के लिए कुछ सुझाव पाकिस्तान को मिले हैं।
गौरतलब है दोनों देशों के बीच वर्ष 2004 में शुरू हुई समग्र वार्ता का सिलसिला नवंबर 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद से रुका हुआ है।
भारत बार-बार कहता रहा है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर मौजूद उन कथित चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिन पर मुंबई हमलों से संबंधित होने का आरोप है। उधर, पाकिस्तान कहता रहा है कि वह हर संभव कार्रवाई कर रहा है और यदि भारत पुख्ता सबूत सौंपे तो कार्रवाई बेहतर ढंग से हो सकती है।
महत्वपूर्ण है कि भारत ने हाल में कहा था कि भारतीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम फरवरी के अंत में पाकिस्तान जाएँगे, जहाँ वे रावलपिंडी में एक क्षेत्रीय बैठक में हिस्सा लेंगे।
इस कदम के बाद भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी गुट के नेता मौलाना मोहम्मद अब्बास अंसारी ने कहा ये अच्छी बात है, बातचीत होना चाहिए लेकिन भरोसे और आपसी विश्वास के साथ और पुराने रंज भूलकर होना चाहिए।
बीबीसी के श्रीनगर संवाददाता अलताफ हुसैन के अनुसार मौलाना मोहम्मद अब्बास अंसारी ने कहा कश्मीरियों की भावनाओं को भी इसमें जगह मिलना चाहिए। द्विपक्षीय बातचीत से मसला हल नहीं होगा, आगे चलकर कश्मीरियों के प्रतिनिधियों को भी बातचीत में शामिल करना चाहिए।
दूसरी ओर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के नेता सईद अली शाह गिलानी कहते आए हैं कि द्विपक्षीय बातचीत से कुछ हासिल नहीं हुआ है और जब भी बातचीत हो ये त्रिपक्षीय होना चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि भारत की ओर से दोनों पक्षों के बीच संपर्क की बहाली के कुछ सुझाव पाकिस्तान की सरकार को मिले हैं। पाकिस्तान इनका जायजा ले रहा है। फिलहाल इस बारे में तफसील के बताना मुनासिब नहीं होगा।
उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक पाकिस्तान टीवी चैनल से बातचीत में भारत के कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इस बारे में विस्तृत एजेंडा पर जानकारी जुटाई जा रही है।
शाह महमूद कुरैशी ने कहा हमने दिल्ली में अपने उच्चायुक्त को हिदायत दी है कि वे भारतीय विदेश सचिव से मुलाकात करें और एजेंडे के बारे में जानकारी प्राप्त करें।