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Written By BBC Hindi

फेफड़े के रोगियों को सेक्स की सलाह

फेफड़े
जो लोग साँस की दिक्कतों से परेशान हैं, उनके लिए एक नेक सलाह है।

BBC
ब्रिटिश लंग्स फाउंडेशन का कहना है कि फेफड़े के रोगियों के लिए यह चिंता की बात हो सकती है कि सेक्स के दौरान ‘उन्हें साँस की दिक्कत होगी या फिर कफ बाहर निकालने की जरूरत पड़ सकती है।’

फाउंडेशन की डॉ. नोएमी ईशर ने कहा, ‘फेफड़े की दिक्कत का मतलब यह नहीं है कि आप यौन संबध बनाने से समझौता करें।’

ब्रिटिश लंग्स फाउंडेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यौन क्रिया-कलाप में ऊर्जा की जरूरत पड़ती है और दिल व फेफड़े सक्रिय हो जाते हैं। नतीजन साँस की रफ्तार तेज हो जाती है और रक्त चाप बढ़ जाता है।

इसका कहना है, ‘ऐसा हर किसी के साथ होता है, लेकिन फेफड़े की दिक्कतों से परेशान लोगों के लिए यह अनुभूति के आनंद में रूकावट बन सकती है।’

फाउंडेशन के मुताबिक, ‘फेफड़े की दिक्कत वालों लोगों को भी एक संपूर्ण सेक्स जीवन का आनंद उठाने में समझौता नहीं करना चाहिए।’

ब्रिटिश लंग्स फाउंडेशन की मेडिकल डॉयरेक्टर डॉ. नोएमी ईशर ने कहा कि ऐसी बीमारियों को कम करने में आपसी संवाद की भूमिका काफी अहम होती है।

उन्होंने कहा, ‘खास बात यह है कि चिंताओं के बारे में आप अपने पार्टनर से बात करें, आप खुले दिमाग वाले हैं और समझदार हैं।’

डॉ. नोएमी ईशर ने माना कि एक सहज और आपसी विश्वास का माहौल पैदा करने से तनाव और साँस की धीमी रफ्तार कम करने में मदद मिलेगी।

सलाह की खास बातें :
*सेक्स तब करें जब आप आराम महसूस कर रहे हों और आपके साँस की रफ्तार सबसे अच्छी दशा में हो।
*सेक्स के पहले कफ निकालने की कोशिश करें या सुबह-सुबह जब शायद अधिक कफ निकलने की संभावना हो, उस समय सेक्स से परहेज करें।
*भारी भरकम भोजन लेने या शराब के सेवन के बाद सेक्स से परहेज करें। जब आपका पेट भरा हो या गला तर हो तो सांस में दिक्कत आ सकती है।
*संभोग के दौरान अगर आपके साँस की गहराई धीमी हो जाती है तो सब कुछ एक साथ रोकने के बजाय, अपने डायाफ्राम से गहरी सांस लें और अपनी गतिविधि को धीरे-धीरे करके फिर रोकें।
*यह मत भूलें कि सभी तरह के संपर्क का उद्देश्य मस्ती और आनंद उठाना है। खूब हँसें और किसी भी दिक्कत पर बात करें।