मंगलवार, 29 जुलाई 2025
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Written By BBC Hindi

खुशबूदार होती जाएगी धरती

खुशबूदार धरती
जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ेगा दुनिया खुशबूदार होती जाएगी।

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वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़े हुए तापमान में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाएगी और पानी की कमी होगी, ऐसी परिस्थिति में पेड़-पौधे खुशबूदार रसायनों का उत्सर्जन बढ़ा देते हैं जिन्हें 'बायोजेनिक वोलाटाइल आर्गेनिक कंपाउड' कहा जाता है।

एक बड़े शोध के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि बदली हुई परिस्थितियों में पेड़-पौधों के आपसी रिश्तों में बदलाव आएगा, साथ ही उनकी कीड़े-मकौड़ों और नुकसान पहुँचाने कीटों से निबटने के तौर तरीके भी बदलेंगे।

इन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दुनिया पहले के मुकाबले अधिक खुशबूदार हो चुकी है क्योंकि पेड़-पौधे अधिक खूशबू बिखेर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के परिणामों पर अब तक बहुत अध्ययन हुए हैं, लेकिन पेड़-पौधे के बारे में विस्तार से अध्ययन पहली बार हुआ है।

यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना के प्रोफेसर जोसेफ पैनुएल्स कहते हैं, 'यह बढ़ोतरी मामूली नहीं है, पिछले तीस सालों में इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अगर धरती के तापमान में अनुमान के मुताबिक दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है तो महकने वाले रसायनों का उत्सर्जन चालीस प्रतिशत तक बढ़ सकता है।'

पेड़-पौधे नियमित रुप से हवा में 'बायोजेनिक वोलाटाइल आर्गेनिक कंपाउड' छोड़ते रहते हैं, वातावरण की अलग-अलग परिस्थितियों में यह उत्सर्जन अलग-अलग मात्रा में होता है। इन रसायनों की पेड़ों के बढ़ने, फल-फूल देने और कीटों से रक्षा में अहम भूमिका होती है।

पक्की जाँच हुई : ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ एक अनुमान है, वैज्ञानिकों ने कृत्रिम तरीके से तापमान बढ़ाने के बाद पाया कि पेड़-पौधों से खुशबूदार रसायनों का उत्सर्जन बढ़ जाता है।

ऐसा नहीं है कि तापमान बढ़ने का असर सिर्फ वनस्पतियों से निकलने वाली गंध पर होगा बल्कि तापमान में बढ़ोतरी का असर पूरी दुनिया के पारिस्थितक संतुलन पर पड़ेगा।

मिसाल के तौर पर गर्मी बढ़ने से कम तापमान वाले इलाकों में उगने वाले पौधों की जगह अधिक गर्मी में उगने वाले पौधों की भरमार हो जाएगी यानी जिन इलाकों में परंपरागत रूप से एक किस्म के पेड़-पौधे पाए जाते हैं वहाँ दूसरी किस्में भी नजर आने लगेंगी।

वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के तापमान में बदलाव का असर बहुत महत्वपूर्ण होगा और इस पर अभी बहुत अध्ययन किए जाने की जरूरत है।