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Last Modified: बुधवार, 22 अगस्त 2018 (11:38 IST)

'ऊपरवाले' की नज़र से कैसी दिखती है अमीरी और ग़रीबी की खाई

'ऊपरवाले' की नज़र से कैसी दिखती है अमीरी और ग़रीबी की खाई | inequality
जॉनी मिलर ने अप्रैल 2016 में एक ख़ास काम शुरू किया था जिसके तहत वो असमानता दिखाने वाली जगहों की तस्वीरें लेना चाहते थे। उनकी कोशिश थी कि लोग ये स्वीकार करें कि असमानता एक सच्चाई है। लोग अक्सर कहते हैं कि ऊपरवाले की नज़र में सब बराबर हैं- क्या अमीर और क्या ग़रीब।
 
 
जॉनी मिलर ने जब ड्रोन के ज़रिए आसमान से कुछ तस्वीरें लीं, तब उन्हें जान पड़ा की अमीरी और ग़रीबी के बीच की खाई सचमुच कितनी गहरी दिखती है और दोनों के बीच वाकई में कितनी असमानता है।
 
दक्षिण अफ्रीका से ताल्लुक रखने वाले मिलर कहते हैं, "जैसे ही आप केपटाउन में कदम रखते हैं, आप खुद को झुग्गियों से घिरा पाते हैं।"
 
 
"एयरपोर्ट के चारों ओर टीन से बनी झुग्गियां हैं। अपको दूसरे इलाके यानी मेरे जैसे विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के रहने वाले समृद्ध इलाके में पहुंचने के लिए दस मिनट लगते हैं।"
 
मिलर कहते हैं, "केपटाउन में जैसी असमानता दिखती है वैसी दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी नज़र आता है।"
 
 
"बराक ओबामा की तरह ही मेरा भी मानना है कि असमानता को समझना इस पीढ़ी के लिए एक बड़ी चुनौती है।"
 
 
ऊपर से ली गई इस तस्वीर में दो इलाके बाड़, सड़कों के ज़रिए बटें हुए नज़र आते हैं। सड़क की एक तरफ गरीबों के घर हैं तो दूसरी तरफ अमीरों के आलिशान घर आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
 
ड्रोन फोटोग्राफी के लिए सबसे अच्छी जगह चुनने से पहले मिलर को काफी शोध करना पड़ा। वो बताते हैं, "कई चीज़ों की मदद से मैंने जगह की पहचान की। इनमें जनगणना के आंकड़ों, मैप, ख़बरें पढ़ने और लोगों से बात करने से भी काफी मदद मिली।"
 
 
"फोटोग्राफी के लिए जगह की पहचान करने के बाद मैंने गूगल अर्थ पर उसे देखा। आसमान से तस्वीरें लेने के लिए मुझे एयर लॉ, एयर सेफ्टी, खुद की सेफ्टी, बैटरी लाइफ़, रेंज, मौसम, एंगल, दिन के समय के अलावा कई चीज़ों का ध्यान रखना पड़ा।"
 
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