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Written By BBC Hindi
Last Updated : रविवार, 31 जनवरी 2021 (08:23 IST)

बजट में इस बार क्या कुछ होने की संभावना है?

बजट में इस बार क्या कुछ होने की संभावना है? - Nirmala Sitharaman Budget
निखिल इनामदार, बीबीसी संवाददाता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक ऐसे वक़्त में बजट पेश करने जा रही हैं जब जीडीपी ऐतिहासिक संकुचन के दौर में है। इस साल अर्थव्यवस्था में क़रीब 8 फ़ीसद की गिरावट होने की उम्मीद है लेकिन अगले वित्त वर्ष में इसमें 11 फ़ीसद की तेज़ी की संभावना है।
 
वित्त मंत्री ने कहा है कि महामारी से बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था को फिर से उच्च विकास दर की पटरी पर लाने के लिए इस बार का बजट ऐसा होगा जैसा पिछले 100 सालों में नहीं रहा है। उनके इस बयान से कई तरह की अटकलबाज़ियाँ शुरू हो गई हैं। लेकिन भारत की नाज़ुक वित्तीय स्थिति को देखते हुए वित्त मंत्री को उन क्षेत्रों पर सावधानी से ध्यान देना होगा जिन क्षेत्रों में ख़र्चे बढ़े हैं।
 
किन क्षेत्रों पर हो सकता है फ़ोकस
वित्त वर्ष में बजट का अंतर अनुमानित 3.4 फ़ीसद से बढ़कर सात फ़ीसद से अधिक होगा। हालाँकि ख़राब निजी निवेश की स्थिति को देखते हुए क्या स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और अनौपचारिक सार्वजनिक क्षेत्रों में उदारता के साथ ख़र्च करने की उम्मीद की जा सकती है ताकि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिले? ऐसा हो भी सकता है।
 
बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए कितना ख़र्च किया जाएगा, इस पर भी फ़ोकस हो सकता है। बैंकों की ख़राब स्थिति को देखते हुए उन्हें फ़ंड की ज़रूरत होगी ताकि वो बाज़ार में नए क़र्ज़ देने की स्थिति में हो। नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के 14 फ़ीसद तक बढ़ने की वजह से एक बैड बैंक के निर्माण की भी चर्चा है।
 
बैड बैंक एक आर्थिक अवधारणा है जिसमें घाटे में चल रहे बैंक अपने देयताओं को नए बैंक को स्थानांतरित कर देते हैं। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि क्या राजकोषीय घाटे और महामारी के दौर में बढ़े हुए ख़र्च को देखते हुए अमीरों पर नए टैक्स लगाए जाएंगे।
 
मनरेगा की तर्ज़ पर शहरी क्षेत्रों में भी रोज़गार गारंटी योजना प्रोग्राम की घोषणा पर सबकी नज़रें रहेंगी। इसके अलावा क्या देश भर में वैक्सीन प्रोग्राम को लेकर भी किसी फ़ंड की घोषणा हो सकती है? हालांकि इसकी संभावना कम लगती है।
 
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