- ज़ुबैर अहमद (मुज़फ़्फ़रनगर से)
"देश की आबादी का 65 प्रतिशत युवा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है।"... ये राय मेरठ के एक युवा की है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेरठ में चुनावी रैली में आए युवा मोदी की जयकारे लगा रहे थे। इस रैली में हज़ारों की संख्या में युवा शामिल थे।
इनमें से एक युवा ने कहा, ''मोदी की दोबारा जीत के बाद अगले 50 सालों तक चुनाव कराने की ज़रूरत नहीं होगी।''.. इस बात के पीछे उनका तर्क था कि देश प्रगतिशील है तो चुनाव कराने की ज़रूरत नहीं है। उनके ऐसा कहने के बाद वहां मौजूद दूसरे युवाओं ने मोदी के पक्ष में नारे लगाकर इस युवा का समर्थन किया।
ना सिर्फ़ युवा बल्कि इस क्षेत्र के गाँव और क़स्बों में जाट और दलित नौजवान मोदी के दीवाने हैं। बड़ौत क़सबे के रहने वाले सुशील कुमार नाम के एक दलित युवा ने कहा कि वो मोदी को वोट देंगे और उनकी कोशिश होगी कि उनके गाँव से मोदी को अधिक से अधिक वोट मिले।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं में 'मोदी लहर' बरक़रार है। बुज़ुर्ग महगठबंधन के साथ हैं और युवा मोदी के पक्ष में है। ये सभी युवा या तो छात्र थे या बेरोज़गार नौजवान। एनडीए सरकार रोज़गार पैदा करने के मोर्चे पर फ़ेल रही है।
बीजेपी ने दो करोड़ नौकरियाँ पैदा करने का वादा किया था जिसे पूरा नहीं किया जा सका। लेकिन ये युवा इससे इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते थे कि मोदी सरकार पर्याप्त रोज़गार के अवसर पैदा करने में नाकाम रही है।
बालाकोट पर हमले का असर
युवा सबसे अधिक इस बात से प्रभावित थे कि प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को मज़ा चखा दिया। पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर गोलाबारी करके सैकड़ों चरमपंथियों को मारने का दावा किया। इस दावे का विपक्ष ने सबूत मांगा।
ठीक भाजपा के नेताओं की तरह, सबूत माँगने वालों को इन नौजवानों ने भी पाकिस्तान समर्थक और देशद्रोही क़रार दिया। एक युवा ने कहा, "ये हमारी सेना का अपमान है। सेना का अपमान करने वाले देश के ग़द्दार हैं।"
बालाकोट एयर स्ट्राइक का असर इस चुनाव के परिणाम पर कितना होगा इसे लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस इलाक़े के दौरे के बीच हमें इसका असर बड़े-बुज़ुर्गों पर भी देखने को मिला। लोग कह रहे हैं, ''मोदी के नेतृत्व में देश ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दो सर्जिकल स्ट्राइक किए जिससे देश में सुरक्षा बढ़ी है। पहला स्ट्राइक 2017 में उड़ी में सेना के कैंप पर हमले के बाद किया गया था। उनका कहना था कांग्रेस के दौर में ऐसे हमलों का जवाब नहीं दिया जाता था। लेकिन मोदी ने "आतंकी हमलों का बदला लेकर पाकिस्तान को सबक़ सिखाया है। वो हमारे हीरो हैं।"
इस बात पर विपक्ष के ख़ेमें में चिंता है। उनके पास इसका काट नज़र नहीं आता। बड़ौत में राष्ट्रीय लोक दल के नेता हाजी ज़मीरुद्दीन अब्बासी कहते हैं, ''बालाकोट हमले में मारे गए चरमपंथियों के सरकार सबूत तो दे। हम सेना को सलाम करते हैं लेकिन ये सवाल सरकार से है सेना से नहीं।"
विपक्ष के अलावा ऐसे लोग जो बीजेपी के विरोधी हैं वो कहते हैं पता नहीं युवाओं को क्या खिला दिया गया है जो वो मोदी के गुण गा रहे हैं। मुज़फ़्फ़रनगर में भारतीय किसान यूनियन के सदस्य कहते हैं, "ऐसा नज़रिया बनाने में मीडिया ज़िम्मेदार है। इस क्षेत्र में 70 प्रतिशत किसान हैं लेकिन उन्हें दबा दिया गया है। किसान के मुद्दे पर मोदी जी भी बात नहीं करते।"
इस इलाक़े में आम चुनाव के पहले चरण में आठ सीटों के लिए चुनाव होगा। पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहाँ की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, बाग़पत, कैराना और सहारनपुर लोकसभा सीटों पर काँटे का मुक़ाबला होगा।
मोदी समर्थक कहते हैं कि युवाओं को अपने भविष्य की चिंता है। इन युवाओं के मुताबिक़ मोदी सरकार ने सड़क निर्माण योजनाओं में काफ़ी युवाओं को नौकरियाँ दी हैं। क़र्ज़ की सुविधा पहुँचायी है और भ्रष्टाचार पर रोक लगायी है।
इसके अलावा बाग़पत के एक युवा व्यापारी कहते हैं कि मोदी ने दुनिया भर की यात्रा करके देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है। अंकुर भी बालाकोट हमले के कारण मोदी के नाम पर भाजपा को वोट देंगे। वो कहते हैं, "बंदे में दम तो है। बालाकोट स्ट्राइक ने मोदी का क़द और भी ऊँचा किया है।''