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Last Updated : मंगलवार, 7 सितम्बर 2021 (15:04 IST)

विराट कोहली की टीम ने ओवल में कैसे किया पलटवार

विराट कोहली की टीम ने ओवल में कैसे किया पलटवार - How Virat Kohli team wins oval test
आदेश कुमार गुप्त, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए
कौन कह सकता था कि ओवल में भारत-इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टेस्ट मैच में पहली पारी के आधार पर 99 रन से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ऐसी दमदार वापसी करेगी।
 
लेकिन भारतीय टीम ने ज़ोरदार वापसी करते हुए इंग्लैंड के सामने जीत के लिए दूसरी पारी में 368 रन का विशाल लक्ष्य रखा जिसके सामने इंग्लैंड की टीम महज़ 210 रनों पर ढेर हो गई।
 
ओवल टेस्ट में 157 रनों से मिली जीत ने साबित कर दिया है कि पिछले कुछ समय से वह उलटफ़ेर करने में माहिर हो चुकी है, ख़ासकर अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद।
 
कमाल की बात है कि भारत की जीत में गेंदबाज़ों का योगदान तो रहा ही है, साथ ही पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने भी जमकर बल्लेबाज़ी की है। ओवल टेस्ट में मोहम्मद शमी की जगह टीम में शामिल किए गए आलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने दोनों पारियों में शानदार अर्धशतक बनाकर भारत के टॉप आर्डर को आईना भी दिखाया कि इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ स्वभाविक रूप से खेलते हुए भी रन बनाए जा सकते हैं।
 
किसका कैसा प्रदर्शन
ओवल में दूसरी पारी में भारत के सलामी बल्लेबाज़ रोहित शर्मा ने 127 रनों की शतकीय पारी खेली जबकि चेतेश्वर पुजारा ने भी 61 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली।
 
इसके बाद कप्तान विराट कोहली के 44, ऋषभ पंत के 50 और शार्दुल ठाकुर के तेज़तर्रार 60 रनों की मदद से 466 रन बनाकर भारत ने पहले तो अपने सिर पर मंडराते हार के ख़तरे को दूर किया और उसके बाद गेंदबाज़ों ने वह काम कर दिखाया जिसके लिए वह जाने जाते हैं।
 
वैसे मैच के पाँचवें और अंतिम दिन लंच के समय तक इंग्लैंड का स्कोर दो विकेट खोकर 131 रन था, लेकिन उसके बाद चायकाल तक भारत के गेंदबाज़ों ने उनकी बल्लेबाज़ी की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी।
 
इससे पहले कि कप्तान जो रूट चट्टान की तरह अड़े रहते उन्हें शार्दुल ठाकुर ने बोल्ड कर दिया। रूट ने 36 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज़ रॉरी बर्नस ने 50 और उनके जोड़ीदार हसीब हमीद ने 63 रन बनाकर भारतीय ख़ेमे की चिंता बढ़ाई और एक समय ऐसा लगा कि शायद मैच ड्रॉ की तरफ़ बढ़ रहा है, लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने अपना धैर्य नहीं खोया और लगातार विकेट लेने की कोशिश करते रहे और कामयाब भी हुए।
 
डेविड मालान को रन आउट होने का मलाल रहेगा तो जॉनी बेयरस्टो, ओली पोप, मोईन अली और क्रिस वोक्स ना तो ज़्यादा रन बना सके और ना ही विकेट पर टिक सके।
 
पूरी सिरीज़ में चर्चा में रहने वाले और बहुत कम ओवर करने वाले खब्बू स्पिनर रविंद्र जडेजा ने गेंदबाज़ी में एक छोर संभाले रखा। वह वैसे भी एक ही लाइन और लैंग्थ से गेंद करने के लिए जाने जाते हैं जिसका नतीजा यह निकला कि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ खुलकर नहीं खेल सके और उनके रन बनाने की रफ़्तार धीमी हो गई।
 
हसीब हमीद जो कि अपना अर्धशतक पूरा कर चुके थे उनकी बल्लेबाज़ी का तो यह आलम था कि वह शॉर्ट पिच और फ़ुल टॉस गेंद को भी रक्षात्मक रूप से खेल रहे थे।
 
उनकी ऐसी बल्लेबाज़ी को देखकर कॉमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर भी कह उठे कि टीम प्रबंधन ने शायद उन्हें कह रखा है कि आप टिके रहो रन दूसरे छोर का बल्लेबाज़ बनाएगा, लेकिन उनकी यह रणनीति काम नहीं आई और जो विकेट एक समय रन बनाने और बल्लेबाज़ी के लिए आसान लग रही थी उसी विकेट पर अचानक विकेट गिरने का जैसे पतझड़ लग गया।
 
विशाल जीत की वजह क्या
भारत की इस विशाल जीत की वजह क्या है और क्यों भारतीय टीम इसकी हक़दार बनी?
 
इस सवाल का सीधा जवाब दिया पूर्व बल्लेबाज़ और चयनकर्ता रहे अशोक मल्होत्रा ने दिया कि इंग्लैंड की दुकान में माल ही नहीं है। उन्होंने कहा, "कप्तान रूट के अलावा टीम में कोई भी भरोसेमंद बल्लेबाज़ नहीं है। दूसरी तरफ़ भारत के पास मैच जिताऊ गेंदबाज़ हैं। भारत की टीम इस समय इंग्लैंड से अव्वल है। उमेश यादव को ही लो, वह इतने लम्बे समय बाद टीम में आए लेकिन उन्हें गेंदबाज़ी करते हुए देखकर लगा ही नहीं कि वह टीम से बाहर गए हैं। भारत का गेंदबाज़ी आक्रमण शानदार है।"
 
अशोक मल्होत्रा के मुताबिक अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली पूरी तरह फ़ॉर्म में नहीं है लेकिन फ़िर भी भारतीय टीम ने कमाल कर दिखाया।
 
अजिंक्य रहाणे को चेताते हुए उन्होंने कहा, ''अगले मैच में टीम से बाहर तो नहीं होंगे लेकिन उन्हें अब चौकन्ना यानि सावधान होना होगा। पाँच टेस्ट मैच की सिरीज़ में वह एक शतक के सहारे टीम में बने नहीं रह सकते।"
 
इंग्लैंड की हार के कारण को लेकर अशोक मल्होत्रा ने कहा, "उनके गेंदबाज़ों को अगर विकेट से मदद ना मिले तो वह बेहद साधारण हो जाते हैं चाहे वह एंडरसन हों या रॉबिंसन और ओवरटन। उनकी टीम में कोई भी तेज़ गति वाला गेंदबाज़ नहीं है जिसकी कमी उन्हें खली। मोईन अली ने अच्छी गेंदबाज़ी की, लेकिन लगता है कप्तान रूट को मोईन पर अधिक भरोसा नहीं है जिसके चलते उनसे कम गेंदबाज़ी करवाई गई।"
 
ओवल में जीत की सबसे बड़ी वजह का ज़िक्र करते हुए अशोक मल्होत्रा ने कहा, "शार्दुल ठाकुर ने हार्दिक पांडया की याद तक आने नहीं दी और बेहतरीन बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी की। अगर भारत ओवल में जीता है तो वह शार्दुल ठाकुर की पहली पारी में खेली गई अर्धशतकीय पारी है जिसकी बदौलत भारत ने मैच में वापसी की। एक ऑलराउंडर के तौर पर वह उभर कर सामने आए हैं।"
 
वहीं वरिष्ठ खेल पत्रकार अयाज़ मेमन कामयाबी का सेहरा तेज़ गेंदबाज़ों के सिर बांधते हुए कहते हैं, "बुमराह ने अपने सौ टेस्ट विकेट इस मैच में पूरे किए तो शार्दुल ठाकुर और उमेश यादव ने भी विकेट झटके, यानी सबने मिलकर काम किया।"
 
157 रनों की भारत की शानदार जीत को लेकर अयाज़ मेमन ने कहा, "ओवल में जीत बड़ी कशमकश के बाद मिली हैं क्योंकि भारत लीड्स में एक पारी और 76 रन से हार गया था। मिडिल ऑर्डर में पुजारा, रहाणे और कोहली से रन नहीं बन रहे थे। गेंदबाज़ों पर सवाल थे।"
 
मेमन के मुताबिक जीत ने इन सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। उन्होंने कहा, "आर अश्विन को लेकर बातें हो रही थीं लेकिन विराट कोहली अपने इरादे पर अटल रहे। शार्दुल ठाकुर ने अपने चयन को सही साबित किया भले ही उनका योगदान गेंद से ज़्यादा बैट से रहा। 'मैन ऑफ़ द मैच' में उनके और रोहित शर्मा के बीच कड़ी टक्कर हुई। रोहित शर्मा विदेश में शतक लगाने में कामयाब हुए।"
 
आगे की राह
अब आख़िर में सिरीज़ के परिणाम को लेकर अयाज़ मेमन कहते हैं, "यह सही है कि अब भारत सिरीज़ हार नहीं सकता लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इंग्लैंड सिरीज़ को बराबर नहीं कर सकता, लेकिन इसके लिए कप्तान रूट को वैसी ही दृढ़ता दिखानी होगी जैसी उन्होंने पहले दिखाई थी।"
 
उन्होंने सिरीज़ के अंतिम टेस्ट के लिए कहा, "भारत को क़तई ढील नहीं देनी चाहिए जैसा लॉर्ड्स में जीत के बाद हुआ जब लीड्स में टीम 78 रन पर सिमट गई। भारत को अतिरिक्त सावधानी से खेलकर मैनचेस्टर में होने वाले आख़िरी टेस्ट मैच को जीतकर सिरीज़ अपने नाम करने की कोशिश करनी चाहिए।"