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Last Modified: बुधवार, 10 जनवरी 2018 (11:40 IST)

हाफ़िज़ सईद ने ब्रितानी मस्जिद में दिया था जिहाद का संदेश

हाफ़िज़ सईद ने ब्रितानी मस्जिद में दिया था जिहाद का संदेश | hafiz saeed
दुनिया के सबसे वांछित चरमपंथियों में से एक हाफ़िज़ सईद ने 9/11 हमलों से सालों पहले स्कॉटलैंड की मस्जिदों का दौरा कर जिहाद की अपील की थी। बीबीसी की एक जांच में ये बात सामने आई है।
 
बीबीसी रेडियो 4 की डाक्यूमेंट्री, द डॉन ऑफ़ ब्रिटिश जिहाद, में पता चला है कि हाफ़िज़ सईद ने साल 1995 में ब्रितानी मस्जिदों का दौरा किया था। उसी साल अगस्त में ग्लासगो में हाफ़िज़ सईद ने कहा था कि मुसलमानों के अंदर जिहाद की भावना है, उन्होंने दुनिया पर हक़ूमत की है लेकिन आज वो शर्मशार हो रहे हैं।
 
हाफ़िज़ सईद मुंबई में 2008 में हुए हमलों के मामले में वांछित हैं। 26 नवंबर 2008 को हुए इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। हाफ़िज़ सईद हमेशा से इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करते रहे हैं।
 
बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री में इस बात की पड़ताल की गई है कि ब्रितानी मुसलमानों में कट्टटरपंथ की सोच 9/11 हमलों से पहले ही आ गई थी। इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माताओं में से एक साजिद इकबाल ने बीबीसी स्कॉटलैंड को बताया कि उन्होंने ऐसे लोगों से बात की है जो 80 और 90 के दशक में ही सक्रिय थे।
 
इक़बाल कहते हैं, "वो अलग समय था। उस समय बोस्निया और अफ़ग़ानिस्तान जिहाद का थिएटर थे, जहां लोग साझा उद्देश्य के लिए जाते थे।" हाफ़िज़ सईद के 1995 के ब्रिटेन दौरे का ब्यौरा पाकिस्तनी चरमपंथी समूह लश्कर-ए-तैयबा की एक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।
 
उर्दू में लिखा ये लेख सईद के साथ घूमने वाले ओल्डहैम की मस्जिद के इमाम ने लिखा था। इक़बाल कहते हैं, "इस लेख में जिहाद के बारे में बताया गया और ब्रितानी मुसलमानों से सईद के साथ जिहाद में शामिल होने को कहा गया।"
 
ग्लासगो की मुख्य मस्जिद में भी हाफ़िज़ सईद ने भारी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित किया था। हाफ़िज सईद ने कहा था कि यहूदी, मुसलमानों में जिहाद की भावना को ख़त्म करने के लिए अरबों डॉलर ख़र्च कर रहे हैं।
 
सईद ने कहा था कि वो मुसलमानों को लोकतंत्र के ज़रिए सत्ता की राजनीति के करीब लाना चाहते हैं। "वो मुसलमानों को कर्ज़ में रखने के लिए ब्याज आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं।" 1995 में हाफ़िज़ सईद की पहचान एक चरमपंथी के तौर पर थी और वो कश्मीर में सक्रिय थे।
 
डॉक्यूमेंट्री के प्रोड्यूसर कहते हैं कि ऐसे में ग्लासगो की सेंट्रल मस्जिद का उनके लिए अपने दरवाज़े खोल देना हैरत की बात है। हालांकि ग्लासगो सेंट्रल मस्जिद की ओर से अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इस यात्रा के दौरान हाफ़िज़ सईद ने बर्मिंघम में भी लोगों को संबोधित करते हुए कहा था, "आओ हम सब जिहाद के लिए खड़े हों।"
 
लीसेस्टर में उन्होंने चार हज़ार लोगों के सम्मेलन को संबोधित किया था। लश्कर-ए-तैयबा के लेख में कहा गया था कि उनके भाषण के बाद सैकड़ों युवाओं ने जिहाद में शामिल होने की इच्छा जताई थी। मार्च 2001 में ब्रितानी सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा को चरमपंथी समूह घोषित कर दिया था।
 
उसी साल सितंबर में वाशिंगटन और न्यूयॉर्क पर चरमपंथी हमले हुए थे। 2008 में लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई शहर पर हमले कर दुनिया भर में जिहाद में अपनी छाप छोड़ दी थी। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और नेता हाफ़िज़ सईद अब दुनिया के सबसे वांछित चरमपंथियों में शामिल हैं और हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें नज़रबंदी से रिहा किया है।
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