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Written By संजीव श्रीवास्तव
Last Updated : बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (19:12 IST)

'मैंने जो चाहा मुझे मिला'

बीबीसी एक मुलाकात कार्यक्रम में अनिल कपूर

''मैंने जो चाहा मुझे मिला'' -
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अभिनेता से निर्माता बने अनिल कपूर का मानना है कि मैं उन कुछ खुशनसीबों में हूँ जिन्हें उनका चाहा हुआ सब कुछ मिल जाता है। मुझे मेरे भगवान, परिवार और बड़ों का आशीर्वाद है। मेरा एक सुंदर-सा परिवार है। मेरे साथ हमेशा अच्छा ही हुआ है। मैंने अच्छे लोगों के साथ काम किया है। बहुत ही बेहतरीन सफर रहा है। मुझे तो लगता है कि जैसे ये यात्रा अभी शुरू ही हुई है।


'गाँधी माई फादर' के बारे में : मेरा पूरा परिवार पिछले 50 वर्षों से फिल्में बना रहा है। हम लोग विषय के साथ पूरा न्याय करते हैं। मैंने भी ये फिल्म पूरी ईमानदारी से बनाने की कोशिश की। अगर मैं इस फिल्म में किसी भूमिका में नहीं हूँ तो समझ लीजिए कि मैं उसके लिए सबसे अच्छा विकल्प नहीं था।

मैंने अपने करीबी दोस्तों से जब बात की तो उनका भी कहना था कि या तो मैं अभिनेता बनूँ या निर्माता बनूँ। दोनों भूमिकाएँ एक साथ करने पर मैं फिल्म के साथ न्याय नहीं कर पाऊँगा। मुझे भी ऐसा ही लग रहा था। हो सकता है कि मेरे अंदर ये क्षमता ही न हो कि मैं दोनों चीजें कर पाऊँ।

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गाँधी माई फादर का संदेश है कि गाँधीजी ने अपने देश को परिवार से पहले रखा। आज लोग व्यक्तिगत फायदों के लिए देश को कुर्बान करने को तैयार हैं। मेरा मानना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। लोगों को पहले देश के बारे में सोचना चाहिए।

अमिताभ महान अभिनेता हैं : मैं ईमानदारी से कहना चाहूँगा कि मैं अमिताभ बच्चन से आगे कभी नहीं निकल पाया। वो महानतम अभिनेताओं में से हैं। हाँ, ये सच है कि मैंने ऐसी कई फिल्मों में काम किया जिनकी पटकथा अमिताभजी को ध्यान में रखकर लिखी गई थी। लोगों ने अमितजी से तुलना की तो मैंने इसे एक सम्मान माना कि चलो यहाँ तक तो पहुँच गए कि लोग अमित जी से तुलना कर रहे हैं।

गायकी का शौक : मेरा बहुत ही पसंदीदा एक गाना है जिसे सुनकर मुझे मेरी बीबी से प्यार हुआ था। मैं आपको गाना गाकर सुनाता हूँ- पल-पल दिल के पास तुम रहती हो...

पहले मैं रियाज किया करता था। मैं कह सकता हूँ कि जो भी एक्टर फिल्मों में गाते हैं मैं उनसे बेहतर गायक बन सकता था। मैंने 1977-78 में छोटे इकबाल साहब से संगीत सीखा था।

माधुरी से जुड़ाव : मैंने माधुरीजी के साथ अधिक काम किया है। वो मुंबई से हैं इसलिए उनसे अधिक जुड़ाव महसूस करता हूँ। मेरे साथ काम करके ही उनके करियर का ग्राफ आगे बढ़ा। तेजाब से उनको पहचान मिली। मैंने जब श्रीदेवी के साथ काम करना शुरू किया तो वो बड़ी स्टार थीं और मैं उभरता सितारा था। मुझे माधुरी के बाद ऐश्वर्या और काजोल बहुत अच्छी लगीं।

जिंदगी के महानतम क्षण : जब मुझे अपनी बीबी से प्यार हुआ, जब मेरी बेटी पैदा हुई, जब मैंने 'मेरी जंग' साइन की। जब मेरे परिवार ने मेरे ऊपर गर्व महसूस किया, जब मैंने 'गाँधी माई फादर' बनाकर पूरी की, जब मैंने ये फिल्म प्रेस कान्फ्रेंस में लोगों के सामने प्रस्तुत की।