मंगलवार, 29 जुलाई 2025
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Written By BBC Hindi

कंपनियों को तरक्की की उम्मीद

वैश्विक मंदी
BBC
दुनिया भर के शीर्ष अधिकारियों में से ज्यादातर इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि इस साल वे उन्नति करेंगे। एक सर्वेक्षण के अनुसार सिर्फ 18 प्रतिशत अधिकारी ही मानते हैं कि उनकी कंपनी ठीक तरह से काम नहीं कर सकेगी। विकासशील देशों के ज्यादातर कंपनियों के प्रमुख ने अच्छी उन्नति की आशा जताई है।

लगभग एक साल तक खर्चों में कटौती के बाद लगभग 40 प्रतिशत कंपनियाँ फिर से नौकरी देने की शुरुआत करने जा रहे हैं, लेकिन पश्चिमी देशों की कंपनियाँ बिना नई नौकरियों के उबरने की उम्मीद कर रहे हैं।

दावोस में शुरु हो रहे वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के शुरु होने से पहले यह सर्वेक्षण अंतरराष्ट्रीय लेखा कंपनी प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने करवाया है।

पीडब्ल्यूसी के ग्लोबल चेयरमैन डेनिस नैली ने कहा, 'हमारे मुख्य कार्यकारी अधिकारी एहतियात के साथ आशावादी हैं।' हालाँकि कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में सुधार एक समान नहीं होगी।

विकासशील देश ज्यादा आश्वस्त : ज्यादातर पश्चिमी देशों की कंपनियाँ मानती हैं कि उनके यहाँ बाजार अभी भी वैश्विक आर्थिक मंदी के असर से जूझ रहे हैं, लेकिन विकासशील देशों की कंपनियों के पास आशावादी होने की वजहें हैं।

उदाहरण के तौर पर भारत के 97 प्रतिशत मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मानते हैं कि उनकी कंपनी वर्ष 2010 में तरक्की करेगी। दो तिहाई चीनी अधिकारी मानते हैं कि अर्थव्यवस्था से उबरने की शुरुआत हो चुकी है।

हालाँकि पश्चिमी देशों में भी कई कंपनियों के अधिकारियों ने माना कि वे अपनी कंपनी की तरक्की को लेकर आश्वस्त हैं। वे मानते हैं कि वर्ष के मध्य से कंपनियों का उबरना शुरु होगा। कंपनियों में यह आशावाद दो बरसों तक विश्वास डगमगाने के बाद लौट रहा है।

एक साल पहले डावोस में आशा जताई गई थी कि वर्ष 2010 की पहली तिमाही में ही आर्थिक मंदी से उबरने की शुरुआत हो जाएगी लेकिन पीडब्ल्यूसी का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि भौगोलिक स्थिति क्या है और उद्योग कौन सा है।