शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अयोध्या
  4. rudrabhishek takes place at ram janmabhoomi
Written By संदीप श्रीवास्तव
Last Updated : बुधवार, 10 जून 2020 (15:54 IST)

राम जन्मभूमि परिसर में 28 साल बाद धार्मिक अनुष्ठान

राम जन्मभूमि परिसर में 28 साल बाद धार्मिक अनुष्ठान - rudrabhishek takes place at ram janmabhoomi
अयोध्या। राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण से पहले सारी विघ्न-बाधाएं समाप्त करने के लिए जन्मभूमि परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत भगवान शशांक शेखर का रुद्राभिषेक कुबेर टीला पर महादेव की आराधना के साथ संपन्न किया गया।
 
रामनगरी के संतों के साथ रुद्राभिषेक का नेतृत्व राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने किया। राम जन्मभूमि परिसर में यह पहला मौका है, जब 28 वर्षों बाद किसी तरह का धार्मिक अनुष्ठान किया गया। यह मंदिर और शिवलिंग सदियों प्राचीन है जो कि मौजूदा समय में अत्यधिक जीर्णशीर्ण अवस्था में है। साथ ही यह स्थान पुरातात्विक विभाग में भी दर्ज है। 
 
राम मंदिर निर्माण में किसी भी तरह की और बाधा आगे उत्पन्न न हो और निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे। इसी को लेकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया।
 
बुधवार को राम जन्मभूमि परिसर में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित कुबेर टीला पर प्रातः शिव की आराधना कर रुद्राभिषेक अनुष्ठान ढाई घंटे से ज्यादा चले रुद्राभिषेक की पूर्णाहुति दोपहर में किया गया। कुबेर टीला स्थित शशांक शेखर के मंदिर में अभिषेक करने के बाद महंत कमल नयन ने कहा कि कुबेर टीला पर भगवान शिव का विधि-विधान के साथ अभिषेक किया गया। 
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्र हो अखंड, सभी सुखी और प्रसन्न रहें, कोरोनावायरस जल्द दूर हो, भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर जल्द तैयार हो, इसी कामना के साथ रुद्राभिषेक किया गया है। राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने के विषय पर उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि में अंदर कोई भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। केवल शिव की आराधना के लिए हम परिसर में आए थे। 
 
उन्होंने कहा कि पूर्व के दिनों में हम रामलला के दर्शन करने के लिए गए थे। कुबेर टीला पर भगवान शिवजी दिखाई तो हमारी इच्छा हुई भगवान शिव का अभिषेक किया जाए। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की आराधना के बिना और उनको प्रसन्न किए बिना इच्छित फल की प्राप्त नहीं होती है। करोड़ों तप और पूजा की जाएं, लेकिन जब तक भगवान शिवजी की आराधना नहीं की जाती है, तब तक फल की प्राप्ति नहीं होती।
ये भी पढ़ें
कोरोनावायरस Live Updates: यूपी में आज कोरोना के 277 नए मामले सामने आए