डाकिया डाक लाया...
ब्रजेश कानूनगो | शुक्रवार,अक्टूबर 21,2016
जब कोई अपना काम ठीक से नहीं कर पाए, तो उसका काम दूसरों को सौंप दिया जाना चाहिए, जो उसे कुशलता पूर्वक कर सके। अड़ियल और ...
लेखक से चुराइटर तक
ब्रजेश कानूनगो | बुधवार,अक्टूबर 12,2016
हमारी एक रचना चोरी होकर अन्य लेखक के नाम से कहीं और प्रकाशित हो गई, तो हमने अपना दर्द मित्र को बताया। इसपर उन्होंने ...
तालाब को सजा न सुनाएं
ब्रजेश कानूनगो | शुक्रवार,जुलाई 15,2016
यहां तालाब की जमीन पर अब नए न्यायालय भवन को बनाया जाना प्रस्तावित है। तालाब के बीच में रिटेनिंग वाल बनाई जा रही है। ...
मार्मिक कहानी : रिंगटोन
ब्रजेश कानूनगो | शुक्रवार,जुलाई 1,2016
समीर पुणे मे प्रबंधन की पढ़ाई कर रहा था। तब हमारे यहां टेलीफोन नहीं था। मोबाइल फोन भी किसी किसी के पास ही होता था। ले दे ...
मार्मिक कहानी : समाधि
ब्रजेश कानूनगो | मंगलवार,जून 21,2016
प्रलय ही आ गया था जैसे। किसी ने शायद ही कभी प्रलय देखा था, लेकिन हर कोई कह रहा था प्रलय आ गया है। जो बुजुर्ग थे बता रहे ...
पुराने शहर की यादों में बसी कहानी : घूंसा
ब्रजेश कानूनगो | मंगलवार,जून 21,2016
जब घर छोड़ा था तब सारे बाल काले थे। लगभग बीस बरस का अंतराल कम नहीं होता। जिस प्रकार मेरी देह और जुल्फों में बदलाव आया ...
पिता जो हूं....
ब्रजेश कानूनगो | मंगलवार,जून 21,2016
बचपन में लौटने के लिए पांच बरस की अपनी बेटी बन जाना चाहता हूं मैं मनोरंजन पार्क की हवा में लहराती नाव में बैठकर नीम की ...
फादर्स डे स्पेशल : टेलीफोन की घंटी
ब्रजेश कानूनगो | मंगलवार,जून 21,2016
पडोसी के घर में बज रही है घंटी
शायद बेटे का फोन होगा
टीवी की आवाज धीमी कर दी है पत्नी ने
प्रेशर कुकर उतार लिया ...
फादर्स डे स्पेशल : पहेली
ब्रजेश कानूनगो | मंगलवार,जून 21,2016
वे थे
मैं था
सब था
वे थे वे
मैं मैं था
सब था अलग अलग
नन्हा बच्चा बना रहा है एक चित्र
ब्रजेश कानूनगो | मंगलवार,जून 21,2016
अपने में ही डूबा नन्हा बच्चा बना रहा है एक चित्र
इतना तल्लीन है कि
स्पीकरों पर चीख रही चौपाइयां
बाधा नहीं डाल ...