शनिवार, 28 दिसंबर 2024
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फादर्स डे स्पेशल : पहेली

फादर्स डे स्पेशल : पहेली - webdunia blog
वे थे 
मैं था 
सब था 
वे थे वे 
मैं मैं था 
सब था अलग अलग
 
उनमें नहीं था मैं 
मुझमें तो कतई 
नहीं होते थे वे
 
अब मैं हूं  
नहीं हैं वे 
 
पढ़कर सुनाता हूं पत्नी को 
कुमार अम्बुज की कविताएं
सुनाने लगते हैं वे 
धर्मयुग से नईम के नवगीत
 
ओह! मैं हूं  
वे भी हैं 
 
उनके जैसा मैं 
मेरे जैसे वे 
सब कुछ पहले जैसा.