• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. तंत्र-मंत्र-यंत्र
  4. namak ke totke in hindi
Written By अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

नमक के 9 प्रयोग दिलाएंगे संकट से मुक्ति

नमक के 9 प्रयोग दिलाएंगे संकट से मुक्ति - namak ke totke in hindi
नमक का जीवन में बहुत उपयोग है। दाल या सब्जी में नमक ज्यादा हो जाए तो नुकसान और कम हो तो भी नुकसान। नमक हमारी आयु बढ़ाता भी है और नमक ही आयु घटाता भी है। नमक का उपयोग करना बहुत कम लोग जानते हैं।
लेकिन हम आपको यहां खाद्य पदार्थों में उपयोग हेतु नमक के प्रयोग नहीं बताने जा रहे हैं। वैसे तो नमक के ढेरों उपाय हैं, लेकिन हम तो नमक के ऐसे चमत्कारिक उपाय बताएंगे जिन्हें जानकर शायद आप हैरान रह जाएंगे।
 
नमक कई प्रकार के होते हैं: सेंधा नमक (पहाड़ी नमक), समुद्री नमक, काला नमक, सामान्य नमक आदि। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नमक को चंद्र और शुक्र का प्रतिनिधि माना जाता है। नमक को कुछ लोग राहु का प्रतीक भी मानते हैं।
 
अगले पन्ने पर जानिए नमक संबंधी सावधानी और सलाह...
 

सावधानी और सलाह : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नमक को चंद्र और शुक्र का प्रतिनिधि माना जाता है। नमक को यदि आप किसी स्टील या लोहे के बर्तन में रखते हैं तो यह चंद्र और शनि का मिलन होगा जो कि बहुत ही घातक सिद्ध होता है। यह रोग और शोक का कारण बन जाता है। नमक को किसी प्लास्टिक के पात्र में भी नहीं रखना चाहिए। नमक को सिर्फ कांच के पात्र में रखने से ही यह बुरा असर नहीं देता है।
* नमक का गिरना अच्छा नहीं माना जाता। बुल्गारिया, यूक्रेन और रोमानिया जैसे देशों में इसे दुर्भाग्य और विवाद का सूचक समझा जाता है। भारत में इसका गिरना अशुभ माना गया है। नमक को गिराने से चंद्रमा और शुक्र दोनों कमजोर हो जाते हैं।

* भोजन पकाते समय भोजन को चखे नहीं। उससे भोजन की पवित्रता नष्ट होती है और दरिद्रता आती है। नमक कम हो जाएगा तो बाद में डाल दिया जाएगा। भगवान को भोजन नैवेद्य लगाने के बाद ही भोजन को चखे।

* नमक को सीधे सीधे किसी व्यक्ति के हाथ में मत दीजिए। नमक का पैकेट भी देने से बचना चाहिए। ऐसा मानते हैं कि इससे व्यक्ति के संबंध खराब होते हैं।

*ध्यना रखें भोजन पकाते समय भोजन को चखे नहीं। उससे भोजन की पवित्रता नष्ट होती है और दरिद्रता आती है। नमक कम हो जाएगा तो बाद में डाल दिया जाएगा। भगवान को भोजन नैवेद्य लगाने के बाद ही भोजन को चखे।

अब जानिए नमक के 10 चमत्कारिक प्रयोग...
 
अगले पन्ने पर पहला प्रयोग...
 
यदि रहना है सुखी तो : यदि आपको कोई व्यक्ति पसंद नहीं है तो उसका नमक न खाएं। उसका मीठा खा सकते हैं। किसी पापी पुरुष के यहां का नमक तो कदापी न खाएं अन्यथा आपका जीवन भी उसी के सामन होने लगेगा। हर कहीं का नमक या नमकीन न खाएं इस बात का हमेशा ध्यान रखें।

मजमूरी में या दबाव में किसी का नमक मत खाइये इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकते है। नमक उसी का खाइये जिसके संस्कार अच्छे हों और जो धर्म सम्मत आचरण करता हो।
 
अगले पन्ने पर दूसरा प्रयोग...
 
दरिद्रता दूर करने हेतु : सप्ताह में एक बार गुरुवार को छोड़कर पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा साबुत खड़ा नमक (समुद्री नमक) मिला लेना चाहिए। इस उपाय से भी घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। वातावरण की पवित्रता बढ़ती है। इससे लक्ष्मी प्राप्ती का मार्ग खुलेगा और घर में बरकत भी बनी रहेगी।
 
अगले पन्ने पर तीसरा प्रयोग...
 
धन का प्रवाह बनाए रखने हेतु : घर में धन का प्रवाह बनाए रखने के लिए कांच का एक गिलास लेकर उसमें पानी और नमक मिलाकर घर के नैऋत्य कोने में रख दें और उस के पीछे लाल रंग का एक बल्व लगा दें, जब भी पानी सूखे तो उस गिलास को साफ करके दोबारा नमक मिलाकर पानी भर दें। 
 
अगले पन्ने पर चौथा प्रयोग...
 

बाथरूप और टायलेट दोष से मुक्ति : नमक हर तरह की गंदगी को हटाने वाला रसायन है। एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक (समुद्री नमक) भरें और इस कटोरी को बाथरूम में रखें। इस उपाय से भी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है। हर माह कटोरी का नमक बदल लें। पुराने नमक को फेंक देना चाहिए।
टायलेट में कांच के बाऊल में क्रिस्टल साल्ट (दरदरा नमक) भर कर रखें, 15 दिन बाद बदल दें, पहला टायलेट के सिंक में डाल दें। अगर किसी कारण टायलेट उत्तर-पूर्व में हो तो इसके दरवाजे पर रोअरिंग लायन का फोटो पेस्ट कर दें। 
 
अगले पन्ने पर पांचवां प्रयोग...
 

नजर उतारने के लिए : यदि आपको या किसी बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो सात बार एक चुटकी नमक उस पर से उतारकर उसे बहते पानी में बहा दें। नल खोलें और उसे नल के बहते पानी में डाल दें। इससे नजर दोष दूर हो जाएगा।
व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
 
अगले पन्ने पर छठा प्रयोग....
 
वास्तुदोष मिटाएं नमक से : मिला जुला वास्तुदोष हो तो जिसे आप बदल नहीं सकते। मन में खिन्नता, भय, चिंता होने से, दोनों हाथों में साबुत नमक भर कर कुछ देर रखे रहें, फिर वॉशबेसिन में डालकर पानी से बहा दें। नमक इधर उधर न फेंके।
 
अगले पन्ने पर सातवां प्रयोग...
 
धन प्राप्ति और बरकत हेतु : नमक को कांच के पात्र में रखें और उसमें चार-पांच लोंग डाल दें। इससे धन की आवक शुरू होने लगेगी और घर में बरकत भी बनी रहती है। इससे एक ओर जहां नमक में सुगंध बनी रहेगी वहीं इस उपाय से कभी धन की कमी नहीं होगी।

 
अगले पन्ने पर आठवां प्रयोग...
 

रोग से मुक्ति हेतु : सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें ! अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें। इससे आपकी सेहत ठीक रहेगी।
रोग से बचने के लिए साधारण नमक का कम ही उपयोग करना चाहिए। उसकी जगह सेंधा नमक या काले नमक का उपयोग भोजन के दौरान करना चाहिए।

अगर कोई व्यक्ति लंबी बीमारी से ग्रसित हैं तो उसके सिरहाने कांच के एक बर्तन में नमक रखें। एक सप्ताह बाद उस नमक को बदल कर दोबारा नमक रख दें। धीरे धीरे उस व्यक्ति की सेहत में सुधार होने लगेगा।
 
 
अगले पन्ने पर नौवां प्रयोग...
 
शनि के दुष्प्रभाव से बचें : यदि भोजन करते समय आपको दाल या सब्जी आदि में नमक कम लगे तो उपर से नमक न डालें। ऐसे में काला नमक तथा मिर्च कम होने पर काली मिर्च का प्रयोग करें। यदि आप ऐसे नहीं करेंगे तो इससे शनि का दुष्प्रभाव शुरू हो जाएगा।

 
और भी उपाय जानना चाहते हैं तो अगले पन्नों पर जाएं...
कुंडली में चंद्र और मंगल कमजोर है तो : अगर कुंडली में चंद्र कमजोर है तो समुद्री या सामान्य नमक का भोजन में इस्तेमाल न करें बल्कि सेंधा नमक का इस्तेमाल करें। इससे आप रक्तचाप की समस्या से बचे रहेंगे। लेकिन अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो भोजन में समुद्री नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। मन की बैचेनी मिटाएं : यदि आपका मन बहुत अशांत रहता है। विचार चलते रहते हैं किसी प्रकार की चिंता से ग्रस्त रह रहे हैं तो इससे आपका स्वास्थ्य गिरता जाएगा। नमक मिले हुए जल से स्नान करने से शरीर तो शुद्ध होगा ही साथ ही मन की बैचेनी भी शांत हो जाएगी। 
गृह कलेश से बचने हेतु : यदि पति और पत्नी में किसी भी बात को लेकर अनबन है या गृहकलेश है या किसी भी प्रकार की मानसिक अशांति है तो सेंधा या खड़े नमक का एक टुकड़ा शयनकक्ष के एक कोने में रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।  इस टुकड़े को महीने भर के बाद बदल दें और दूसरा नया टूकड़ा रख दें।