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Written By WD

नजर उतारने का मंत्र

नजर उतारने का  मंत्र
WDWD
आपने ये गाने अवश्य सुने होंगे -नज़र ना लग जाए किसी की राहों में ..
या फिर नज़र लागी राजा तोरे बँगले पर ...! हिन्दी फिल्मों के ये गाने महज कल्पना पर नहीं रचे गए बल्कि इनके पीछे छुपी है बरसों की प्रचलित मान्यता - नज़र लगना । आपके बुजुर्गों ने भी बचपन में आपकी नज़र अवश्य उतारी होगी ।

यूँ तो नज़र उतारने के कई प्रकार हैं ।कोई झाड़ू से नज़र उतारता है , कोई जूतों से , कोई रूई से तो कोई राई से । इस बार वेबदुनिया के पाठकों के लिए हम लाएँ हैं नज़र उतारने का मंत्र ।

विधि - इस मंत्र को मँगलवार से शुरू कर शनिवार तक नियमित रूप से जपा जाता है। प्रतिदिन इसकी 151 माला फेरी जाती है।
मंत्र जाप करने वाले को दक्षिण दिशा की तरफ मुँह कर तेल का दीपक जला कर मंत्र सिध्द करना चाहिए।
शनिवार की शाम जब माला पूरी हो जाए तब तीन मुट्ठी गेहूँ उबाल कर निर्जन स्थान में फेंक आए। फेंकने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। वापस लौट कर मोरपँख से तीन बार निम्नलिखित मंत्र को पढ़ते हुए पीडि़त व्यक्ति की नज़र उतार दें

विशेष - यह ग्रामीण अँचलों में प्रचलित नज़र उतारने की पद्धति है। इस पर विश्वास करना या न करना पाठकों के विवेक पर निर्भर करता है।
मंत्र - ॐ नमो सत्य नाम आदेश गुरु को,
ॐ नमो नज़र जहाँ पर पीर ना जानी
बोले छल सौं अमृतवानी,
कहो नज़र कहाँ ते आई,
यहाँ की ठौर तोही कौन बताई,
कौन जात तेरो कहाँ धाम,
किसकी बेटी, का तेरो नाम,
कहाँ से उड़ी, कहाँ को जाया,
अबहि बसकर ले तेरी माया,
मेरी बात सुनो चित्त लाय,
जैसी होय सुनाऊँ लाय,
मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति,
फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा।