1. सुदर्शन वृक्ष की जड़ को पुष्य नक्षत्र रविवार के दिन लाकर कपूर और तुलसी पत्र मिलकर वस्त्र पर लेपन करें। फिर उस वस्त्र की बत्ती बनाकर विष्णुकांता के बीजों के तेल को दीपक में जलाकर पवित्रता से सावधानीपूर्वक काजल बना लें। उस काजल के अंजन को नेत्रों में लगाएँ, राजा (अधिकारी) के पास जाएँ, राजा वश में हो जाए।
हाथ में सुदर्शन की जड़ बाँधें। तो राजा प्रिय होता है अथवा कांकरासिंही की जड़ पुष्य नक्षत्र में लाकर कमर में बाँधें तो राजा (मंत्री, अधिकारी) वश में होता है अथवा राजा का प्रिय हो जाता है।
6. ऊँ नमो भास्कराय इत्यादि मंत्र को एक लाख बार जप कर लें। फिर पुष्य (रविवार पुष्य) नक्षत्र के दिन ओंगा के बीज लाए, विधिवत आमंत्रित करके राजा को दे दे। वह राजा की नस-नस में आप बस जाओगे अर्थात अत्यंत प्रिय हो जाओगे।
उपरोक्त जितने मंत्र, यंत्र, तंत्र दिए गए हैं, आप व्यवस्थित शुद्ध मन से करें। दूसरों की भलाई हेतु ही कार्य में लें। नि:स्वार्थ कार्य करें। लालच या बुराई के कार्य में न लें।