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Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 27 मई 2025 (15:33 IST)

वर्ष 2026 में होगा नरसंहार, क्या है इसके पीछे की भविष्‍यवाणी

Year 2026 predictions
Year 2026 predictions: अधिकतर ज्योतिषियों का मानना है कि वर्ष 2020 से देश और दुनिया का भविष्‍य बदलने लगा है जब शनि ने मकर में प्रवेश किया था। मकर से लेकर मेष तक यानि 2029 तक शनि की यह गति देश और दुनिया का भूगोल ही नहीं भविष्‍य और मौसम भी बदल कर रख देगी। यानि विश्‍व के बदलने की शुरुआत 2020 से हो चुकी है 2025 इसका टर्निंग पाइंट है और अब 2026 में होगा महायुद्ध। वैसे आप देख ही रहे हैं कि यूक्रेन और गाजा में नरसंहार जारी है और आने वाले समय में अब दक्षिण एशिया में भी हम यह देखेंगे। 
 
वर्ष 2026 में बृहस्पति 2 जून तक मिथुन राशि में रहेंगे, फिर 2 जून से 31 अक्टूबर तक कर्क राशि में रहेंगे। कुंभ से निकलकर 5 दिसंबर को राहु मकर में गोचर करेगा। सिंह से निकलकर केतु कर्क में गोचर करेगा। 16 जनवरी 2026 को धनु से निकलकर मंगल मकर में गोचर करेगा। इसके बाद वह कुंभ, मीन, मेष, मिथुन, कर्क और सिंह में गोचर करेंगे। इस बीच शनि की वक्री और मार्गी गति मीन में ही रहेगी। मूलत: शनि, बृहस्पति, राहु, केतु और मंगल का ही ज्यादा प्रभाव रहेगा।
 
बृहस्पति के कारण दुनिया का सुख चैन और मौसम खत्म हो जाएगा। जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़, तूफान और जल संबंधित प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाएगी। आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव पड़ेगा। राहु के कारण दुनिया में भ्रम फैलेगा, महामारी का प्रकोप रहेगा। मंगल और शनि के कारण महादंगल होगा।
 
वर्तमान में विक्रम संवत 2082 के अंतर्गत कालयुक्त सिद्धार्थ संवत्सर चल रहा है। इस संवत्सर के फलानुसार भारत में और दुनिया में युद्ध और आतंकवाद की घटओं के दर्शन होंगे, जो एक बड़े युद्ध की भूमिका तय करेंगे। महंगाई बढ़ेगी। वर्षा खंडित होगी। कई जगह अकाल और कई जगह बाढ़ के हालात देखने को मिलेंगे। वैश्‍विक स्तर पर दोस्त और दुश्मन तय हो जाएंगे।
 
इसके बाद अगले साल 19 मार्च 2026 से रौद्र नाम संवत्सर प्रारंभ होगा। यानी विक्रम संवत 2083 से प्रारंभ होगा रौद्र संवत्सर। यह देश और दुनिया में नरसंहार लेकर आएगा। मध्य एशिया में नरसंहार जारी है और अब यह दक्षिण एशिया में भी देखा जाएगा। इस दौरान मौसम में भारी बदलाव होगा और किसी बड़े भूकंप के आने या ज्वालामुखी फटने के संकेत भी मिलते हैं।

- अनिरुद्ध जोशी
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