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आश्चर्यजनक रूप से प्रगति देते हैं पंच महापुरुष योग, क्या आपकी कुंडली में हैं ये 5 शुभ योग

आश्चर्यजनक रूप से प्रगति देते हैं पंच महापुरुष योग, क्या आपकी कुंडली में हैं ये 5 शुभ योग - shubh yog in kundali
पंच महापुरुष योगों का ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ये योग हैं रूचक, भद्र, हंस, मालव्य और शश, जो क्रमशः मंगल, बुध, गुरु, शुक्र व शनि ग्रहों के कारण बनते हैं। यदि इन योगों का सृजन किसी जातक की जन्मपत्रिका में होता है तो वह जातक सुखी व समृद्धिशाली होता है।
 
1.रूचक- यदि मंगल अपनी स्वराशि मेष या वृश्चिक अथवा उच्च राशि मकर में स्थित होकर जन्मपत्रिका के केन्द्र स्थान में हो तो 'रूचक' नामक योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति साहसी होता है। वह अपने गुणों के कारण धन, पद व प्रतिष्ठा प्राप्त करता है एवं जग प्रसिद्ध होता है।
 
2.भद्र- यदि बुध अपनी स्वराशि मिथुन या कन्या अथवा उच्च राशि कन्या में स्थित होकर जन्मपत्रिका के केन्द्र स्थान में हो तो 'भद्र' नामक योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि वाला होता है। वह श्रेष्ठ वक्ता, वैभवशाली व उच्चपदाधिकारी होता है।
 
3. हंस- यदि गुरु अपनी स्वराशि मीन या धनु अथवा उच्च राशि कर्क में स्थित होकर जन्मपत्रिका के केन्द्र स्थान में हो तो 'हंस' नामक योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान व आध्यात्मिक होता है एवं विद्वानों द्वारा प्रशंसनीय होता है।
 
4.मालव्य- यदि शुक्र अपनी स्वराशि वृषभ या तुला अथवा उच्च राशि मीन में स्थित होकर जन्मपत्रिका के केन्द्र स्थान में हो तो 'मालव्य' नामक योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति विद्वान, स्त्री सुख से युक्त,यशस्वी,शान्त चित्त, वैभवशाली, वाहन व संतान सुख से युक्त होता है।
 
5.शश- यदि शनि अपनी स्वराशि मकर या कुंभ अथवा उच्च राशि तुला में स्थित होकर जन्मपत्रिका के केन्द्र स्थान में हो तो 'शश' नामक योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति उच्चपदाधिकारी, राजनेता, न्यायाधिपति होता है। वह बलवान होता है। वह धनी, सुखी व दीर्घायु होता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]
 
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