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  4. Effects of Kunj Ketu Yoga conjunction of Mars and Ketu
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 7 जून 2025 (12:39 IST)

18 साल बाद बना कुंज केतु योग, घटना-दुर्घटना के साथ देश-दुनिया में विद्रोह का संकेत, 4 राशियां रहें संभलकर

Kunj Ketu Yog
Kunj Ketu Yoga: 18 मई 2025 को केतु ने सिंह राशि में गोचर किया था और अब इसी राशि में आज यानी 7 जून 2025 को मंगल ग्रह भी प्रवेश करेगा। मंगल और केतु की युति से कुंज केतु योग बन रहा है। यह योग 28 जुलाई 2025 तक रहेगा। 16 से 28 जुलाई के बीच दोनों ग्रह अति निकट रहेंगे, जिससे प्रभाव और अधिक तीव्र होगा। इसके चलते 3 राशियों को संभलकर रहना होगा।ALSO READ: शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क
 
कुंज केतु योग का प्रभाव: 'कुजोवत् केतु' अर्थात केतु का स्वभाव मंगल जैसा होता है। दोनों ही उग्र, आक्रामक और प्रतिशोधी ग्रह हैं। यह आग और विस्फोट को जन्म देगा। सूर्य की सिंह राशि को शासक माना गया है। सूर्य को सभी ग्रहों का राजा बताया गया है, जो नेतृत्व, सत्ता और राजधर्म से जुड़ा है। 'राज्येषु सिंहः, बलिनां च बलं हरिः.' यानि मंगल-केतु की युति सत्ता के लिए विस्फोटक है। साथ ही वैश्विक राजनीतिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
 
इस दौरान देश दुनिया में घटना, दुर्घटना, खून खराब, आंदोलन और विद्रोह के साथ ही सत्ता परिवर्तन की ओर भी इशारा करता है। मंगल साहस, युद्ध और क्रोध पर प्रभाव डालने वाला है और केतु का काम होता है हर कार्य में रुकावट डालना और दुर्घटनाओं को जन्म देना। इसी के साथ केतु रहस्यमयी विद्याओं की ओर भी संकेत करता है। केतु और मंगल की युति को अच्छा नहीं माना जाता है। यह लोगों में जोश के साथ असंतोष को भी जन्म देता है। यह भ्रम पैदा करके रिश्तों में अलगाव को बढ़ाता है जिसके चलते मानसिक तनाव भी बढ़ाता। 
 
चार राशियां रहें संभलकर:
इस युति का सिंह, वृश्चिक, कुंभ और वृषभ राशि पर विशेष प्रभाव होगा। इन राशियों के लोगों को अपने संबंध, नौकरी, व्यापार और धन को संभालकर रखना होगा। 28 जुलाई तक हनुमानजी की उपासना करना होगी। मंदिर में एक सफेद ध्वज लगाना होगा। गुस्से और प्रतिशोध की भावना से बचें, अन्यथा यह काल जीवन को पूरी तरह उलझा सकता है। मंगल की मेष और वृश्चिक राशि वालों को भी थोड़ा बहुत सावधान रहने की जरूरत है। 
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