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Last Updated : मंगलवार, 31 दिसंबर 2024 (14:25 IST)

New Year 2025 Astrology: क्या वर्ष बदलने से बदलेगा आपका भाग्य, पढ़ें सटीक जानकारी

New Year 2025 Astrology: क्या वर्ष बदलने से बदलेगा आपका भाग्य, पढ़ें सटीक जानकारी - Will your fate change with the change of year
Astrology New Year 2025: वर्ष 2024 अपने अस्ताचल की ओर अग्रसर है और नूतन वर्ष द्वार पर दस्तक दे रहा है। नवीन वर्ष के स्वागत के साथ ही जनमानस के मन में यह उत्कंठा होने लगी है कि नया वर्ष उनके जीवन में क्या परिवर्तन लाने वाला है। ज्योतिषाचार्यों की नए साल को लेकर गणनाएं उनकी इस उत्सुकता को और अधिक बल दे रहीं हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैलेंडर वर्ष बदलने से आपके भाग्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता! यह एक प्रामाणिक तथ्य है।ALSO READ: वर्ष 2025 में रहेगा शनि के शश योग का प्रभाव, 3 राशियों को होगा फायदा
 
नए साल को लेकर की जाने वाली अधिकांश भविष्यवाणियां भ्रांतियों से अधिक कुछ नहीं हैं, विशेषकर वे जो जातक, राशि व लग्न के संबंध में की जा रही हों। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि नए साल के मायने भी सभी धर्मों व समाजों में एक से नहीं है। हिन्दू धर्म में नया वर्ष चैत्र से माना जाता है, वहीं गुजरात में दीपावली से नवीन वर्ष की मान्यता है, कहीं अंग्रेजी महीने जनवरी से नया साल मनाया जाता है। प्रामाणिक तथ्य सदैव सार्वभौम होते हैं जैसे सूर्य का ताप, सूर्य की तपिश समस्त चराचर जगत को समग्ररूपेण एक सा प्रभावित करती है।
 
कुछ भविष्यसंकेत प्रामाणित व सटीक अवश्य होते हैं जैसे नवीन वर्ष में साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव, ग्रहण के बारे में जानकारी, गुरु व शुक्र अस्त, ग्रह गोचर इत्यादि। जातक के संबंध में वर्षफल का निर्धारण उसके स्वयं के जन्मदिवस से होता है, ना कि कैलेंडर के नववर्ष से। जातक के वर्षफल के निर्धारण में निम्न तत्व महती भूमिका निभाते हैं-ALSO READ: वर्ष 2025 में ये 3 राशियां रहें बचकर, 5 तरह की रखें सावधानी
1. मुंथा- मुंथा का वर्षफल निर्धारण में विशेष महत्व होता है। मुंथा निर्धारण के लिए वर्ष लग्न में अपनी आयु के वर्ष जोड़कर 12 से भाग देने पर जो शेष बचता है उसी राशि की 'मुंथा' होती है। वर्ष लग्न में 4, 6, 7, 8, 12 भावगत मुंथा शुभ नहीं होती। जबकि 1, 2, 3, 5 भावगत मुंथा शुभ होती है। शुभ ग्रह से युत, शुभ ग्रह से दृष्ट एवं बलवान मुंथा सदैव शुभ होती है।
 
2. मुंथेश- मुंथा राशि के अधिपति ग्रह को 'मुंथेश' कहते हैं। वर्षफल के निधार्रण में 'मुंथेश' जन्म लग्नेश की ही भांति महत्वपूर्ण होता है। वर्ष कुंडली में 4, 6, 8, 12 भावगत मुंथेश शुभ नहीं होता। मुंथेश यदि पाप ग्रह से युत व दृष्ट हो तो परम अशुभफल देता है। मुंथेश यदि वर्ष लग्न के अष्टमेश से युति करे तो कष्टदायक होता है।
 
3. वर्ष लग्न- जन्मलग्न या जन्मराशि से अष्टम राशि का वर्ष लग्न हो तो वर्ष में रोग व कष्ट होता है।
 
4. चंद्रमा- वर्ष कुंडली में चंद्रमा 1, 6, 7, 8, 12, भावों में पाप ग्रह से दृष्ट हो या पाप ग्रह से युत हो तो वर्ष में प्रबल अरिष्ट देता है। यदि वर्ष कुंडली में चंद्रमा पर गुरु की दृष्टि हो तो अशुभता में अतीव कमी होकर शुभता में वृद्धि होती है।
 
5. वर्ष कुंडली- यदि वर्ष कुंडली में मुंथेश, वर्षेश और जन्म लग्नेश वर्ष कुंडली में अस्त, नीचराशिगत या पापग्रहों से युत हो या दृष्ट हो तो जातक का राजयोग भी संपूर्ण फलित नहीं होता।
 
उपर्युक्त तथ्यों से पाठकगण समझ ही गए होंगे कि नव वर्ष की ज्योतिषीय गणनाएं कितनी सटीक व प्रामाणिक होती है। अत: नववर्ष के अवसर पर दिए जाने वाले राशिफल के संबंध में अपने स्वविवेक से निर्णय करें।
 
-ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
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