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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 (12:32 IST)

वर्ष 2025 में ये 3 राशियां रहें बचकर, 5 तरह की रखें सावधानी

वर्ष 2025 में ये 3 राशियां रहें बचकर, 5 तरह की रखें सावधानी - These 3 zodiac signs should be careful in the year 2025
Year 2025 Horoscope: वर्ष 2025 में 4 बड़े ग्रह परिवर्तन हो रहे हैं। 29 मार्च को शनि कुंभ से निकलकर मीन में, 14 मई 2025 से गुरु ग्रह वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में 3 गुना अतिचारी होंगे और 18 मई 2025 को राहु ग्रह बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा तो केतु कन्या से निकलकर सिंह में प्रवेश करेगा। इन 4 बड़े ग्रहों के परिवर्तन के चलते 3 राशि के लोगों को पूरे वर्ष सावधानी रखना होगी। मेष, सिंह, तुला, मकर और कुंभ के लिए साल अच्छा है।
 
1. कन्या राशि : आपके लिए वर्ष 2025 मिलेजुले असर वाला रहेगा। आपको शनि के गोचर से बचकर रहना होगा। 29 मार्च 2025 से शनि आपके छठे भाव से निकलकर सप्तम भाव में गोचर करेंगे। राहु का सप्तम भाव से छठे भाव में गोचर वैसे तो अनुकूल रहेगा लेकिन यह सेहत बिगाड़ सकता है गुरु आपके नवम भाव से निकलकर दशम भाव में गोचर करेंगे। दशम भाव के गुरु भी अच्छे नहीं माने जाते हैं। आपको शनि के उपाय करना होंगे और 5 सावधानी रखना और 5 उपाय करना होंगे।ALSO READ: Lal Kitab Rashifal 2025: कन्या राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और उपाय
 
पांच सावधानियां:
1. झूठ बोलना या किसी को भी मिसगाइड करना छोड़ दें। 
2. जीवनसाथी को किसी भी तरह से कड़वे वचन न करें। 
3. शनि के मंदे कार्य न करें।
4. अपने कार्य में जरा भी लापरवाही न करें।
5. शरीर को अच्‍छे से साफ और पवित्र बनाकर रखें। 
 
पांच उपाय: 
1. गणेश जी की प्रतिदिन आराधना करें।
2. बुधवार के दिन कन्याओं को भोजन कराएं या गोशाला में गायों को हरा चारा खिलाएं।
3. शनिवार के दिन शाम को शनि मंदिर में छाया दान करें।
4. माता दुर्गा को बुधवार या शुक्रवार के दिन चुनरी अर्पित करें।
5. आपका लकी नंबर 5, लकी रत्न पन्ना, लकी कलर हरा, सफेद एवं पीला, लकी वार बुधवार और लकी मंत्र ऊं गं गणपतये नमः और ॐ दुर्ग दुर्गाय नम:।
 
2. वृश्चिक राशि: आपके लिए भी यह वर्ष मिलाजुला ही रहेगा। मार्च के बाद शनि का गोचर मार्च में पंचम भाव में होगा जो कि सही नहीं माना जा सकता है। वर्ष की शुरुआत में बृहस्पति सप्तम भाव में रहेंगे, इसके बाद साल के मध्य में अष्टम भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर भी ठीक नहीं है। राहु का पंचम भाव से चतुर्थ भाव में गोचर परिवार में सामंजस्य की कमी के कारण समस्याएं खड़ी कर सकता है। इसलिए जरूरी है 5 सावधानियां और 5 उपाय।ALSO READ: Lal Kitab Rashifal 2025: वृश्चिक राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और उपाय
 
पांच सावधानियां:
1. शराब न पीएं और ब्याज का धंधा भी न करें।
2. संतान का विशेष ध्यान रखें।
3. कार्य, सेहत और संबंधों को लेकर लापरवाह न रहें। 
4. फालतू का खर्चा न करें।
5. लोगों को भ्रम में न रखें और किसी की झूठी गवाही न दें। 
 
पांच उपाय:
1. मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में गुड़, चना, लाल मसूर की दाल और लाल कपड़ा अर्पित करें।
2. घर से जब भी बाहर निकलें तो कुछ मीठा खाकर और पानी पीकर ही बाहर निकलें।
3. शनिवार के दिन शाम को छाया दान करें।
4. गुरुवार का उपवास करें और कच्चे सूत को हल्दी से रंग कर पीपल के वृक्ष के तने के चारों ओर आठ बार बांधें।
5. आपका लकी नंबर 9, लकी रत्न मूंगा, लकी कलर लाल एवं नारंगी, लकी वार मंगलवार और रविवार और लकी मंत्र ऊँ हनुमते नमः और ॐ भोम भौमाय नमः ।
 
3. मीन राशि: शनि आपके 12वें भाव से मार्च में प्रथम यानी लग्न भाव में गोचर करेगा। यह गोचर हर क्षेत्र में मिलेजुले परिणाम देगा, परंतु बृहस्पति तीसरे से चौथे भाव में गोचर करेगा जो जिंदगी को बेहतर बनाने में सहयोग देगा। राहु का गोचर द्वादश भाव में होगा। यह गोचर सेहत बिगाड़ने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए पांच सावधानियों के साथ पांच उपाय जरूर करें। ALSO READ: Meen Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मीन राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय
 
पांच सावधानियां:
1. अपने व्यक्तित्व और वाणी को उत्तम बनाकर रखें। लोगों से अच्छा व्यवहार करें।
2. जीवनसाथी और घर के अन्य सदस्यों की सेहत का ध्यान रखें।
3. धन के लेन देन में सावधानी रखें। 
4. किसी भी कागज पर साइन करने के पहले उसे अच्छे से पढ़ लें। 
5. शनि के मंदे कार्य न करें।
 
पांच उपाय: 
1. गुरुवार का व्रत रखें और मंदिर में पीली वस्तुओं का दान करें।
2. शनिवार को शाम को छाया दान करें। 
3. घर की ईशान और उत्तर दिशा को खाली रखें और वहां जल की स्थापना करें।
4. प्रत्येक चौथे माह कन्याओं को बुधवार या शुक्रवार के दिन भरपेट भोजन कराएं।
5. आपका लकी नंबर 3, लकी रत्न पुखराज, लकी कलर पीला एवं नारंगी, लकी वार बृहस्पतिवार एवं रविवार और लकी मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नम: और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।