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Last Updated : गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023 (16:47 IST)

1974 के बाद डेकाथलन में पदक लाने वाले इस खिलाड़ी के पास है ऊंची कूद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड

1974 के बाद डेकाथलन में पदक लाने वाले इस खिलाड़ी के पास है ऊंची कूद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड - High jumper turned Decathalete Tejaswin Shankar now has national record in both games
तेजस्विन शंकर बातूनी और मजाकिया हैं और एशियाई खेलों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीतकर खुद को डेकाथलन में देश के शीर्ष खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के बाद एक बार फिर उनका यह रूप दिखा।डेकाथलन को अपनाने के एक साल बाद दिल्ली के तेजस्विन ने मंगलवार को 10 स्पर्धाओं की इस कड़ी प्रतियोगिता में 7666 अंकों के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता।

यह 1974 के बाद डेकाथलन में भारत का पहला पदक है। विजय सिंह चौहान 1974 में एशियाई खेलों में डेकाथलन का पदक जीतने वाले पिछले भारतीय खिलाड़ी थे जबकि पिछला राष्ट्रीय रिकॉर्ड भरतिंदर सिंह (7,658 अंक) के नाम था जो उन्होंने 2011 में बनाया था।

चौबीस साल के तेजस्विन ने अपने एथलेटिक्स करियर की शुरुआत ऊंची कूद से की, एक ऐसी प्रतियोगिता जिसमें वह अब भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (2.29 मीटर) हैं। उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता।

अमेरिका में केंसास स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने कॉलेज टीम के साथियों के साथ संयुक्त स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करना शुरू किया। उनके विश्वविद्यालय के कोच ने उन्हें ऊंची कूद के अलावा अन्य स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया।डेकाथलन में एशियाई खेलों का अपना पहला पदक जीतने से पहले उन्होंने इस स्पर्धा में केवल चार बार प्रतिस्पर्धा की थी और वह इससे बहुत उत्साहित थे।

उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं अपने स्कोर से बहुत खुश हूं, किसी भी दिन की कहानी अलग होती है। लेकिन मैं कम से कम यह उम्मीद नहीं करूंगा कि आप मुझसे पूछें कि मैं 8000 कुल अंकों तक कब पहुंचूंगा। यह ठीक है कि अगर यह (इस तरह का सवाल) नीरज चोपड़ा के लिए रहे (वह 90 मीटर तक कब पहुंचेगा)।’’

वह पिछले कुछ वर्षों से ओलंपिक भाला फेंक चैंपियन चोपड़ा से लगातार यह पूछे जाने का संदर्भ दे रहे थे कि वह कब 90 मीटर के आंकड़े को पार करेंगे।

तेजस्विन ने भाला फेंक में मौजूदा विश्व चैंपियन चोपड़ा और अपने बीच के अंतर पर हंसते हुए कहा, ‘‘मैं अपनी पिछली तीन स्पर्धाओं (मंगलवार को 51.17 मीटर से पहले 46.84 मीटर, 52.32 और 52.70) में 50 मीटर से अधिक भाला फेंक (तेजस्विन के कमजोर पक्षों में से एक)रहा हूं।’’तेजस्विन ने कहा कि वह बेहतर की उम्मीद कर रह थे लेकिन अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ अधिक की उम्मीद कर रहा था लेकिन अपनी शारीरिक स्थिति को देखते हुए (संतुष्ट) हूं। मैं गोला फेंक (10 स्पर्धाओं में से तीसरी) के ठीक बाद संघर्ष कर रहा था, मुझे ऐंठन थी। उसके बाद यह खुद को प्रबंधित करने और यह सुनिश्चित करने के बारे में था कि मैं डेकाथलन स्पर्धा को पूरा कर लूं और कुल स्कोर के बारे में चिंता करने के बजाय पदक जीतूं। फिर भी, मुझे खुशी है कि मैंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।’’

दिल्ली के तेजस्विन ने इससे पहले डेकाथलन में देश में ज्ञान और रुचि की कमी के बारे में बात की थी।उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे इसके बारे में और उसके बारे में (डेकाथलन के बारे में) बातें करनी हैं तो मुझे कम से कम राष्ट्रीय रिकॉर्ड की जरूरत है। अगर ऐसा हो जाता है, तो मेरी संतुष्टि पूरी हो जाती है। राष्ट्रीय रिकॉर्ड के बिना ये सभी बातें (डेकाथलन के बारे में) बेकार हैं। अब मैं ये सब कर सकता हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अब से डेकाथलन में पूर्णकालिक हिस्सा लेंगे, तेजस्विन ने कहा, ‘‘मैंने अब डेकाथलन में पदक जीता है इसलिए मैं ऊंची कूद में वापस जाना चाहता हूं, खुद को थोड़ा दुबला बनाना चाहता हूं और पेरिस ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऊंची कूद से शुरुआत की और अगर मुझे ओलंपियन बनने की छाप मिल गई, तो मुझे संतुष्टि होगी और फिर मैं पूर्णकालिक डेकाथलन में स्थानांतरित हो सकता हूं।’’(भाषा)