गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. एशिया कप 2022
  4. Asia Cup campaign became less painful after the Kohlis ton
Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Modified: शनिवार, 10 सितम्बर 2022 (12:07 IST)

कोहली मिल गया, एशिया कप गया, क्या सौदा है खरा?

कोहली मिल गया, एशिया कप गया, क्या सौदा है खरा? - Asia Cup campaign became less painful after the Kohlis ton
दुबई;आगामी टी20 विश्व कप से पहले एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में भारत के लचर प्रदर्शन से टीम प्रबंधन को जवाब कम मिले लेकिन सवाल अधिक उठने लगे।ग्रुप चरण में पाकिस्तान और हांगकांग के खिलाफ जीत दर्ज करने के बाद टीम ‘Super Four’ में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ दबाव के क्षणों में बिखर गयी।

विराट कोहली हालांकि अपने शतकों के सूखे को खत्म करने में सफल रहे जिससे क्रिकेट प्रशंसकों ने राहत की सांस ली। उनका शतक हालांकि अफगानिस्तान के खिलाफ ऐसे मैच में आया जो महत्वहीन था। यही नहीं, अफगानिस्तान की टीम को पिछले दिन बेहद करीबी मैच खेलने के 20 घंटे के अंदर दूसरी बार मैदान पर उतरना पड़ा वह भी दूसरे शहर में।

कोहली ने बीसीसीआई डॉट टीवी के लिए रोहित से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमें उसे अच्छी स्थिति में रखना होगा क्योंकि हम जानते हैं कि वह क्या करने में सक्षम है।’’

एशिया कप के शीर्ष स्कोरर है कोहली

सिर्फ शतक ही नहीं, विराट कोहली ने दो अर्धशतक जमाकर फॉर्म में वापसी की। पहले हॉंगकॉंग और फिर पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने यह पारियां खेली जिसकी बदौलत वह इस टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज है। उनसे पीछे मोहम्मद रिजवान है जिनको कोहली से आगे निकलने के लिए बड़ी पारी खेलनी पड़ेगी।

कोहली का फॉर्म आया कब तक रहेगा

विराट कोहली ने रन बनाने शुरु कर दिए हैं यह अच्छी बात है। लेकिन हॉंगकॉंग, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की पारियों में सिर्फ 1 बार ही उन्होंने उच्चस्तरीय गेंदबाजी का सामना किया। यह देखना होगा कि टी-20 विश्वकप में वह इस ही अंदाज से बल्लेबाजी करते हैं या नहीं।

कोहली की नाबाद शतकीय पारी के बाद इस तरह की मांग भी उठ रही कि वह रोहित के साथ पारी का आगाज करें और तीसरे क्रम पर सूर्यकुमार यादव बल्लेबाजी के लिये आये।

राहुल की जगह पर मंडराता खतरा

ऐसे में राहुल को एकादश से बाहर बैठना पड़ सकता है।भारत के लिए शीर्ष तीन बल्लेबाजी क्रम में लोकेश राहुल के पावर प्ले में विकेट बचाने की योजना टीम की मुश्किलें बढ़ा रही है।इसमें कोई शक नहीं की राहुल के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन वह एशिया कप में अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार बल्लेबाजी करने में विफल रहे।

केएल राहुल ने अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र अर्धशतक जड़ा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कुल 5 मैचों में केएल राहुल ने सिर्फ 132 रन बनाए।टीम को अच्छी शुरुआत देने का ठीकरा उन पर और रोहित शर्मा पर ही फूटेगा।

रोहित शर्मा का प्रदर्शन भी राहुल से मिलता जुलता रहा। श्रीलंका के खिलाफ रोहित शर्मा एक मात्र अर्धशतक लगा पाए। उन्होंने 4 मैचों में कुल 133 रन बनाए।

ऊपरी क्रम ने निराश किया तो मध्यक्रम ने भी खुशी नहीं दी

मध्यक्रम में भी टीम की मुश्किलें कम नहीं हुई। दिनेश कार्तिक को शुरुआती मैचों में खेलने का मौका मिला लेकिन उन्हें 10 से भी कम गेंदों का सामना करने को मिला। टेस्ट मैचों में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से टीम को कई यादगार जीत दिलाने वाले पंत इस प्रारूप में अब तक अपनी ख्याति के अनुरूप प्रभावित नहीं किया है।ऋषभ पंत को पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ आक्रमण करने के लिए भेजा था लेकिन वह इसमें सफल नहीं हुए। आने वाले समय में वह अपने कीपिंग ग्ल्बस खो सकते हैं।

हरफनमौला हार्दिक उतरे पटरी से

हरफनमौला हार्दिक पंड्या भी शुरुआती मैच में पाकिस्तान के खिलाफ किये गये मैच जिताऊ प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे।हार्दिक ने 28 अगस्त को पहले चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट लिए और बाद में 17 गेंदों पर नाबाद 33 रन की उपयोगी पारी खेली जिसमें स्पिनर मोहम्मद नवाज पर लगाया गया विजयी छक्का भी शामिल था।

लेकिन इसके बाद  सुपर 4 की भिडंत में हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी करने आए तो अपना खाता भी नहीं खोल पाए और सिर्फ 2 गेंदो में पवैलियन लौट गए। गेंदबाजी में उनका हाल खासा बुरा रहा और वह सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए।

4 ओवर के कोटे में उन्होंने 44 रन दिए, उन्हें अंतिम ओवर में 71 रन बनाने वाले मोहम्मद रिजवान का विकेट मिला। यहां से हार्दिक की लय बिगड़ी चली गई और वह वापसी ही ना कर सके।

मध्यक्रम में दीपक हुड्डा के रूप में टीम के पास अच्छा विकल्प है।लेकिन इस टूर्नामेंट में उनको एक फिनिशर के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह योजना बुरी तरह विफल रही।

रविंद्र जड़ेजा का चोटिल होना बना बड़ा कारक

गेंदबाजी विभाग में रविन्द्र जडेजा की गैरमौजूदगी से भारतीय टीम को झटका लगेगा। उनके विकल्प अक्षर पटेल गेंदबाजी में अच्छा करते रहे है लेकिन बल्ले से वह टीम को जडेजा की तरह लचीलापन मुहैया नहीं करते। जडेजा आखिरी ओवरों में बड़े शॉट खेलने के साथ टीम की जरूरत के मुताबिक मध्यक्रम में बल्लेबाजी भी कर सकते है जैसा उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ किया था।

भुवनेश्वर कुमार की महंगी गेंदबाजी चिंता का विषय

भुवनेश्वर कुमार ने पाकिस्तान के खिलाफ 19वें ओवर में 19 रन देने के बाद श्रीलंका के खिलाफ भी उसी गलती को दोहराया। अफगानिस्तान के खिलाफ उन्होंने  पांच विकेट जरूर लिये लेकिन टीम को उनसे दबाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।अंतिम मैच में भले ही अपने कमाल के प्रदर्शन से भुवनेश्वर कुमार एशिया कप में सबसे ज्यादा (11) विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हों लेकिन हर फैन को पता है कि एशिया कप से बाहर होने में भुवी का एक अहम योगदान है।

अर्शदीप सिंह ने इस दौरान प्रभावित किया लेकिन जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल के फिट होने के बाद उनके लिए एकादश में जगह बनाना मुश्किल होगा। ऐसे में आवेश खान को अंतिम 15 में जगह मिलने की संभावना कम है।

अर्शदीप सिंह ने जिस तरह से दो बार लगातार अंतिम ओवर में 7 रन बचाने का प्रयास किया है वह काबिले तारीफ है। उनके बारे में टीम मैनेजमेंट जरूर सोचेगा।
ये भी पढ़ें
ऑस्ट्रेलिया को टी-20 विश्वकप जिताने वाले कप्तान ने लिया वनडे क्रिकेट से संन्यास