• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. रोमांस
  4. »
  5. प्रेम-गीत
  6. बैठ पीपल छाँव...
Written By WD

बैठ पीपल छाँव...

रोमांस इश्क प्रेम गीत प्यार मोहब्बत लव
श्रीकांत प्रसाद सिंह

बैठ पीपल छाँव में, मन!
साँवरी! तुमको पुकारे!
बाँस-वन के झुरमुटों में
बाग-बागिन खेलते फिर,
चीखता है - एक तोता!

सुधि-घटा आई उमड़ घिर!
नील नभ में दूर उड़-उड़
चील डैनों को पसारे!
खेत गेहूँ के कटे सब,
मौन सूनापन लहकता!

यह हवा फुफकारती है -
मन अकेला तड़प उठता!
पास आकर एक मैना-
एक टक मुझको निहारे!

फुदकती चंचल गिलहरी-
पास आ-आ भाग जाती,
झाड़ियों में सो रही है -
टिटहरी जो रात गाती।
मन-पपीहा चिर विकल हो -
सोचता, कोई दुलारे?