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युवा कवि नवीन रांगियाल की 5 प्रेम कविताएं
सोमवार,फ़रवरी 13, 2023
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WD|
गुरुवार,अक्टूबर 13, 2022
करवा चौथ की लेटेस्ट शुभकामनाएं,संदेश,कोट्स और भावनाएं आपके लिए खास
कायम रहे प्यार, पूरे हो हर रिवाज
अखंड रहे सुहाग, चमकता रहे चांद
प्रेम के पर्व करवा चौथ की शुभकामनाएं
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WD|
बुधवार,अक्टूबर 12, 2022
करवा चौथ सुहाग का शुभ और पवित्र महापर्व है, आइए भेजें एकदम नए बधाई संदेश...karva chauth quotes wishes and greetings
अखंड सुहाग का यह पर्व आपको सौभाग्य दे,
सुंदर रंग के साथ हर पल आपको खुशियां दे...
करवा चौथ की शुभकामनाएं
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जैसे लहरें बातें करते आईं हैं किनारों से आज तक, दिवा स्वप्न था बैठे थे पास पास और मूंदी (बंद) आंखों से, सपने संजोने लग गए हम जनम-जनम के साथ के, साथ न छूटेगा अपना और हम रहेंगे बन के आपके, झकझोर दी किसी आहट ने सपनो की वो दुनिया, टूटा सपना, जगे अचानक ...
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गीत बनकर वो आने लगे, अधरों पर मुस्कुराने लगे
राज अंखियन का क्या कहूं मैं, उनके नैना कजरारे लगने लगे
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वो मेरा दोस्त मुझे अब खुदा सा लगता है। तमाम मोड़ में सबसे जुदा सा लगता है। हंसता है तो आकाश में चांद खिला सा लगता है
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तुम जो मेरे हुए !!
मिली हर ख़ुशी
चूड़ियों की खन-खन
पायल की छन-छन
दास्तां नई सुनाने लगी
तुम जो मेरे हुए....
रातें हुईं मदभरी
ख़ूबसूरत सबेरे हुए
साँसे मेरी महकी
बदन खुशबुओं के डेरे हुए
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तुम ने मुस्कुरा कर कहा
इस घर और मुझ पर अब तुम्हारा पूर्ण अधिकार है
मैं अपना सर्वस्व सदा के लिए तुम्हें सौंप रहा हूं
उसी क्षण मैं तुमसे एक प्रगाढ़ बंधन में बंध गई
तुम पर अधिकार मेरी आश्वस्ति था
तुम केवल मेरे हो ये विश्वास मेरी साधना थी..
यूं ...
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फरवरी अगर प्यार वाला महीना है, तो तुम मेरी फरवरी हो, और मेरे पूरे साल में है सिर्फ, मेरे हिस्से बस एक यही माह।
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चाहे कितना भी तुम मना करो, मान भी जाओ कि तुम मेरी हो। तपते जीवन की धूपों में, तुम शीतल छांव घनेरी हो।
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सब रिश्तों से फुरसत, मिल जाए तो। आ जाना जल्दी से,ऐसा न हो देरी हो।
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चाहे कितना भी तुम मना करो, मान भी जाओ कि तुम मेरी हो। तपते जीवन की धूपों में, तुम शीतल छांव घनेरी हो।
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तुम को हम दिल में बसा लेंगे, तुम आओ तो सही।
सारी दुनिया से छुपा लेंगे, तुम आओ तो सही।
एक वादा करो अब हमसे न बिछड़ोगे कभी
नाज़ हम सारे उठा लेंगे, तुम आओ तो सही।
बेवफ़ा भी हो सितमगर भी जफ़ा-पेशा भी
हम ख़ुदा तुम को बना लेंगे, तुम आओ तो सही।
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मुझे हर उस लम्हे से प्यार है, जो तुमने जिया है। तुम अभी इस घड़ी, पल जहां हो, उस वक्त, उस जगह से मुझे प्यार है।
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मचलती तमन्नाओं ने आजमाया भी होगा, बदलती रुत में ये अक्स शरमाया भी होगा
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बात मुद्दत से जो थी आंखों में आज लबों पे उतर आई है तू मेरे इश्क की इबारत है तू इसे पढ़ न पाई है
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मेरे आंसुओं से कहानी न पूछो वो तुमको भी आकर रुला जाएंगे झूठी कहानी और झूठा फसाना
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वो गया दफ़अतन कई बार मुझे छोड़के, पर लौटकर फिर मुझ में ही आता रहा। कुछ तो मजबूरियां थीं उसकी अपनी भी, पर चोरी-छिपे ही मोहब्बत निभाता रहा।
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नाराज़ हैं मेहरबाँ मेरे,अब आ भी जाओ,कि अंजुमन को तेरी दरक़ार है,
ढूँढता रहा,
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है नहीं यकीन तुमको है, नहीं यकीन मुझको, फिर ये खत-दर-खत गुफ़्तगू क्या है।।1।।
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