गुरुवार, 17 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. रोमांस
  3. वेलेंटाइन डे
  4. Love poem
Written By WD
Last Updated : मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025 (17:15 IST)

वेलेंटाइन डे पर नवीन रांगियाल की प्रेम कविता : बादल हमारे लिए टहलते हैं

Love poem
तुम्‍हारा हाथ पकड़कर चलते हुए  
मैंने यह जाना कि आकाश में बादल बरसातों के लिए नहीं 
मेरे और तुम्‍हारे लिए टहलते हैं
 
कोई दिन उग कर वापस आता है 
तो उसका मतलब मैं यह निकालता हूं कि वो हमारे लिए लौटा है 
 
रात दोनों को बांधने आती है
 
इतनी बड़ी दुनिया में 
मैं सिर्फ बादलों के आने-जाने
दिन के उगने और डूबने के बारे में सोचता हूं  
धूप और बारि‍श के बारे में सोचता हूं
 
यही वो सब है जो हमारे लिए होता है
 
दुनिया सिर्फ इसलिए है 
कि हर शाम को मैं तुमसे मिलने आता हूं 
 
अगर मैं तुमसे मिलने आता और तुम मुझे वहां नहीं मिलती 
जहां हमारा मिलना तय था
 
तो भीड़ और आतंक से भरी यह दुनिया कब से खत्‍म हो चुकी होती
 
मिलते रहने से ही दुनिया चलती है
 
जब घांस को धूप से मिलते देखता हूं 
और पत्‍तों को हवाओं से
 
जब छांव मिलने आती है गलियों से
 
और आकाश को पृथ्वी पर झुकते हुए देखता हूं 
 
तो सोचता हूं यह दुनिया तब तक रहेगी जब तक हम किसी से मिलने जाते रहेंगे। 
ये भी पढ़ें
महाकुंभ के असली पात्र तो रमेश जैसे लाखों लोग हैं