बहुत दिनों बाद आज देखा उसे
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मोनू बहुत दिनों के बाद आज जब देखा उसे मेरी तरफ देखते हुए तब दिल में मची फिर से हलचल आखिर मेरे दिल का असली हिस्सा है वो जिसे मैं दिलोंजान से भी ज्यादा प्यार करता हूँ। कैसे भुलूँ वो दिन, वो सारी बातें, मुलाकातें, उसका इस तरह हर पल-पल मुझे फोन करना, मुझसे बात करना, मुझे याद करना, सच्चे दिल से मेरे, दिल को वो आवाज लगाना। कैसे भुलूँ मैं... क्या जिंदगी सिर्फ हँसी-खेल हैप्यार सिर्फ दिखावा है या फिर प्यार के कोई मायने नहीं होते। नहीं! ऐसा कभी नहीं होता प्यार दिखावा नहीं हो सकता वह तो अंतरात्मा से निकलने वाली सच्ची आवाज है,दिल को छूने वाली, महसूस की और कराई जाने वाली सच्ची आहट है, जिसे दिल से महसूस किया जाता है। उस दिल की गरमी, के आभास को रुह के अंदर तक महसूस किया जाता है, फिर भला प्यार दिखावा कैसे हो सकता है। आखिर दिल तो दिल हैवह तो सिर्फ प्यार करना जानता है, दिल भला क्या दिखावा करेगा, दिल से निकलने वाली उस आहट को जब मैंने आज फिर महसूस किया तो मेरे दिल की गहराइयों ने फिर उसे दिल से पुकाराआवाज दी, काश ! आज वो फिर आतीलौटकर मेरे पास और मेरे दिल, मेरी आत्मा को मिल पाता वो चैनों-सुकूँ। पर क्या करूँ, मजबूर हूँ चाह कर भी उसे आवाज दे नहीं सकता क्योंकि.... प्यार का भी एक उसूल होता हैदिल से दिल का जो नाता होता है वो किसी को दु:ख देने के लिए नहीं किया जाता। बहुत दिनों के बाद आज जब देखा उसेमेरी तरफ देखते हुए तब दिल में मची फिर से हलचलपर क्या करूँ... काश !