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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 20 जून 2025 (11:42 IST)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर निबंध / भाषण

International Yoga Day 2025
Yoga par Nibandh in Hindi: आज के आधुनिक और तेज रफ्तार जीवन में मानसिक तनाव, अस्वस्थ दिनचर्या और शारीरिक बीमारियां आम होती जा रही हैं। ऐसे समय में योग न केवल एक व्यायाम का माध्यम है, बल्कि यह एक ऐसा जीवन-दर्शन है जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 इस जीवनदर्शन को एक बार फिर संपूर्ण विश्व में फैलाने और जीवन को संतुलन देने का अवसर बन गया है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्चा स्वास्थ्य सिर्फ शरीर की फिटनेस नहीं, बल्कि मानसिक शांति, आत्मिक ऊर्जा और भावनात्मक स्थिरता का संगम है – और योग ही वह मार्ग है जो हमें यह सब प्रदान करता है।
 
योग दिवस का इतिहास और महत्व
योग दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2014 में की गई थी, जब भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा। 177 देशों के समर्थन से यह प्रस्ताव पारित हुआ और पहली बार 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में International Yoga Day मनाया गया। यह तिथि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे भारतीय परंपरा में आत्मबोध और ध्यान के लिए श्रेष्ठ समय माना गया है।
 
2025 में यह आयोजन अपने 11वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हर वर्ष की तरह, इस बार भी इसका उद्देश्य है, “योग को जीवन का अंग बनाना”। यह केवल एक प्रतीकात्मक उत्सव नहीं, बल्कि स्वयं से जुड़ने, भीतर की शक्ति को पहचानने और संतुलन भरे जीवन को अपनाने का आमंत्रण है।
 
क्यों जरूरी है आज के युग में योग?
हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहां तकनीक ने हमें भौतिक रूप से जोड़ा है लेकिन मानसिक रूप से अलग कर दिया है। हर दिन स्क्रीन पर आंखें, मशीनों पर निर्भर शरीर और तनाव से भरा मन, ये हमारी दिनचर्या बन चुकी है। योग इस स्थिति का समाधान है। योग केवल शरीर को लचीला या मजबूत करने की प्रक्रिया नहीं है, यह एक वैज्ञानिक पद्धति है जो हमारी साँसों, विचारों और भावनाओं को संतुलित करती है।
 
आज जब युवाओं में मोटापा, चिंता, अनिद्रा और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, तब योग उनमें जागरूकता, एकाग्रता और आत्मनियंत्रण का अभ्यास करवाता है। ऑफिस में काम करने वालों के लिए भी योग पीठ दर्द, थकान और टेंशन से राहत का रामबाण इलाज है।
 
योगासन, प्राणायाम और ध्यान – संपूर्ण जीवन का समाधान
योग केवल आसनों तक सीमित नहीं है, यह एक सम्पूर्ण जीवन शैली है। योग के प्रमुख अंगों में शामिल हैं, योगासन (शारीरिक अभ्यास), प्राणायाम (सांसों का नियंत्रण) और ध्यान (मन की एकाग्रता)। इन तीनों का नियमित अभ्यास व्यक्ति को आत्म-निरीक्षण, संयम और आंतरिक ऊर्जा से जोड़ता है।
 
प्रसिद्ध योगासन जैसे ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, वज्रासन और नवारसन न केवल शारीरिक फिटनेस बढ़ाते हैं बल्कि पाचन, रक्त संचार और हार्मोनल संतुलन को भी बेहतर करते हैं। वहीं अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी जैसे प्राणायाम मानसिक शांति और सकारात्मकता का मार्ग खोलते हैं।
 
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम और आयोजन
हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को एक विशेष संदेश या उद्देश्य के साथ मनाया जाता है, जो उस साल की वैश्विक जरूरतों को दर्शाता है। 2025 में योग दिवस की थीम है, "Yoga for One Earth, One Health", यानी "एक धरती और समग्र स्वास्थ्य के लिए योग"। इस थीम का मूल भाव यह है कि मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण के स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ा है। यदि हमारी पृथ्वी संतुलित और स्वच्छ रहेगी, तभी मानव समाज भी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकेगा।
 
योग न केवल इंसान की आंतरिक शांति और शरीर की मजबूती को बढ़ाता है, बल्कि यह जीवनशैली में अनुशासन, प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन की भावना भी पैदा करता है। यही कारण है कि आज के समय में योग केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं, बल्कि पृथ्वी के संरक्षण और सामाजिक कल्याण का एक सशक्त माध्यम बन गया है।
 
योग करें, स्वस्थ रहें। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
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