पुरुषों में सुसाइड नोट लिखने की प्रवृत्ति ज्यादा
आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखने की प्रवृत्ति पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होती है। इस बात का खुलासा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन में किया गया है।पुरुषों द्वारा सप्ताहांत में लिखे गए सुसाइड नोट काफी व्यापक होते हैं, वहीं सप्ताह के अन्य दिनों में लिखे गए सुसाइड नोट बेहद संक्षिप्त और सरल होते हैं। यह अध्ययन आत्महत्या के 425 मामलों पर किया गया है। इनमें से 291 मामले पुरुषों की आत्महत्या के तथा 134 महिलाओं की आत्महत्या से जुड़े हैं। हैं। यह अध्ययन दो वर्ष से अधिक की अवधि तक किया गया है। इसमें कहा गया है कि पुरुषों के सुसाइड नोट महिलाओं के सुसाइड नोट से अलग तरह के होते हैं। एम्स में फारेंसिक मेडिसिन विभाग की अनुसंधान सहायक शालिनी गिरधर ने कहा हमने पाया कि सुसाइड नोट लिखने की प्रवृत्ति पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। पुरुष अपने सुसाइड नोट में अपने काम, वित्तीय स्थिति, अपनी चिंताओं तथा परिवार की देखभाल के बारे में लिखते हैं, वहीं महिलाएँ अपने कदम के लिए क्षमा माँगती हैं।गिरधर ने कहा अनेक नतीजे सामने आए कि कैसे पुरुष और महिलाएँ अलग तरह से सोचती हैं। हमने पाया कि पुरुषों के सुसाइड नोट महिलाओं से काफी भिन्न होते हैं।एम्स के फॉरेंसिक साइंस विभाग के प्रमुख टीडी डोगरा ने बताया कि कुल 425 मामलों में से 68 में सुसाइड नोट छोड़े गए थे। इनमें से 54 में पुरुषों ने तथा सिर्फ 14 में महिलाओं ने सुसाइड नोट लिखे थे।डोगरा ने बताया पुरुष जहाँ अपने कृत्य के लिए किसी और को जिम्मेदार ठहराते हैं, वहीं महिलाएँ अपने सुसाइड नोट में किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरातीं। पुरुष ज्यादा अवसादग्रस्त हैं और यह उनके सुसाइड नोट में भी झलकता है।