नवीन चावला की निष्पक्षता पर सवाल
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की अनुशंसा को मानने के लिए केंद्र सरकार बाध्य है और इस संवैधानिक व्यवस्था को देखते हुए निर्वाचन आयुक्त नवीन चावला ने अपने पद पर बने रहने की वैधानिकता खो दी है।तोमर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 1995 में टीएन शेषन के प्रकरण में स्पष्ट रूप से कहा है कि निर्वाचन आयुक्त को अपने पद से मुख्य निर्वाचन आयुक्त की अनुशंसा पर पदच्युत किया जा सकता है। निर्वाचन आयुक्त को हटाने की शक्तियाँ मुख्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन आयोग भारत सरकार में निहित हैं। उन्होंने कहा कि पदमुक्त करके केंद्र सरकार को देश में निर्वाचन की शुचिता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नवीन चावला हमेशा विवादों में रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक दल परस्ती को योग्यता के रूप में अंगीकार किया है। चाहे आपातकाल रहा हो अथवा प्रशासकीय सेवा संहिता का सवाल रहा हो, नवीन चावला की संवैधानिक निष्ठा पर लगातार प्रश्न उठते रहे हैं। तोमर के अनुसार ऐसे व्यक्ति का निर्वाचन आयुक्त जैसे शीर्ष संवैधानिक निकाय में पद पर बना रहना लोकतंत्र के हित में नहीं है।