Last Modified: रायपुर। ,
मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009 (13:00 IST)
आयकर का नहीं मिल रहा हिसाब
ई-चालान की वजह से हो रही दिक्कत
प्रदेश में जमा किए गए आयकर के करीब सात सौ करोड़ रुपए दूसरे राज्य के खाते में चले गए हैं। इसकी वजह से क्षेत्रीय आयकर कार्यालय को इस राशि हिसाब नहीं मिल रहा है। इससे विभाग को न केवल हिसाब करने में दिक्कत हो रही है, बल्कि निर्धारित लक्ष्य को लेकर भी भ्रम की स्थिति है।
विभागीय अफसरों के अनुसार ई-चालान की वजह से हिसाब का खेल बिगड़ रहा है। इसके माध्यम से जमा होने वाला आयकर सीधे बैंक मुख्यालय के खाते में चला जाता है। अफसरों के अनुसार यहॉं स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियों ने पिछले एक महीने के दौरान सात सौ करोड़ रुपए से अधिक का आयकर जमा किया है। इसी तरह कुछ और कंपनियों ने भी आयकर के करोड़ों रुपए जमा कर दिए हैं, लेकिन क्षेत्रीय कार्यालय के खाते में इसका हिसाब नहीं जुड़ा है। अफसरों के अनुसार कंपनी टैक्स ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत आयकर जो ई-चालान के माध्यम से जाम किए जा रहे हैं, उसका भी हिसाब अभी नहीं जुड़ रहा है। यह पैसा सीधे उन राज्यों के खाते में जा रहा है, जहॉं संबंधित बैंक का मुख्यालय है।
इस संबंध में मुख्य आयकर आयुक्त कमलेश अरगल ने बताया कि इससे विभाग को कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष से कंपनियों के लिए ई-चालान अनिवार्य कर दिया गया है। इसके कारण प्रदेश की सभी कंपनियों को इसी माध्यम से आयकर जमा करना पड़ रहा है। इसकी वजह से फिलहाल हिसाब रखने में भले ही थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन अंततः वह हमारे ही लक्ष्य में जुड़ेगा।
आयकर कार्यालय के अनुसार इस वर्ष छत्तीगढ़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को 2500 करोड़ रुपए आयकर वसूली का लक्ष्य दिया गया है। पिछले साल यह लक्ष्य करीब 1900 करोड़ रुपए था। पिछली बार की तुलना में यह करीब छह सौ करोड़ ヒपए अधिक है।
अफसरों के अनुसार विश्वव्यापी मंदी का असर प्रदेश के उद्योगों पर भी पड़ा है। सर्वाधिक आयकर देने वाली कंपनियॉं ज्यादा प्रभावित हुई हैं। ऐसे में इसका असर आयकर की वसूली के लिए निर्धारित लक्ष्य पर भी पड़ सकता है।
ई-चालान बेहतर : आयकर अफसरों के अनुसार हिसाब रखने में भले अभी दिक्कत हो रही है, लेकिन ई-चालान सुरक्षित और बेहतर है। इसमें लेन-देन की पूरी प्रक्रिया ऑन लाइन होती है। ऐसे में गड़बड़ी होने की भी आशंका नहीं रहती है। मैन्यूअल में कई बार फर्जी चालान जमा किए जाने का भी मामला उजागर हो चुका है।