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Written By ND
Last Modified: धार , रविवार, 1 फ़रवरी 2009 (12:23 IST)

गेहूँ के मूल्य के लिए किसान लामबंद

गेहूँ के मूल्य के लिए किसान लामबंद -
प्रेमविजय पाटि

केंद्र सरकार ने हाल ही में जो गेहूँ का समर्थन मूल्य तय किया है, उसमें गत वर्ष की तुलना में मात्र 8 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। देश का सबसे बड़ा किसान संगठन भारतीय किसान संघ समर्थन मूल्य से नाखुश है। संघ लाभकारी मूल्य के रूप में गेहूँ के दाम प्रति क्विंटल 2160 रुपए चाहता है। इस माँग को लेकर प्रदेश के 3 लाख किसान 4 फरवरी को भोपाल में एकत्रित होंगे।

संघ ने तय किया लागत मूल्य: भारतीय किसान संघ के संभागीय मंत्री राजेंद्र शर्मा ने बताया कि संघ के एग्रो इकानॉमिक सेंटर में विशेष शोध करते हुए लागत मूल्य तय किया है। इसमें खाद-बीज के मूल्य सहित किसान और उसके परिवार का मेहनताना, श्रमिकों की मजदूरी, भूमि का किराया आदि जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि एक जोड़ी बैल 40 हजार रु. में खरीदे जाते हैं। ये बैल सामान्य परिस्थितियों में 6 वर्ष तक की सेवा देते हैं। 6 वर्ष बाद पुनः 40 हजार रु. खर्च करने की नौबत आती है। इन खर्चों को लागत मूल्य में नहीं जोड़ा जाता है। शर्मा ने कहा कि बिजली, बीज, खाद के खर्च के साथ नुकसानी आदि को जोड़ने के बाद लागत मूल्य निकाला गया है।

लाभकारी मूल्य की माँग : सेंटर ने 1 हजार 680 रुपए 1 क्विंटल गेहूँ की लागत निकाली है, जबकि लाभकारी मूल्य की माँग 4 फरवरी को एक आंदोलन के माध्यम से रखी जाएगी। इसके लिए भोपाल में 3 लाख किसान एकत्रित होंगे। लाभकारी मूल्य 2 हजार 160 रुपए तय किया गया है। इसमें 15 प्रतिशत नुकसानी का मुआवजा व 15 प्रतिशत लाभांश शामिल किया गया है।