खुद को अमेरिकी और यहूदीवादियों का एजेंट बताने पर कांग्रेस उम्मीदवार शशि थरूर ने वाम दलों को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इन्हीं पार्टियों ने सर्वसम्मति से उनका उस समय समर्थन किया था, जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद के लिए अमेरिका ने उनकी उम्मीदवारी पर वीटो लगाया था।
थरूर खुद पर बाहरी उम्मीदवार होने के संबंध में लगे ठप्पे से निजात पाने तथा अपनी मलयाली पहचान स्थापित करने के लिए के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। यहाँ उनका मुकाबला भाकपा के स्थानीय नेता से है।
साक्षात्कार में थरूर ने कहा कि वाम दल उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान चलाए हुए हैं। विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा से बचने के लिए वे निराधार आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा वाम दलों की ओर से यह कोई नई बात नहीं है। विकास जैसे मुद्दों से बचने के लिए उन्होंने अक्सर विरोधियों पर निराधार आरोप लगाए हैं।
थरूर ने कहा हास्यास्पद यह है कि जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव के लिए अमेरिका ने मेरी उम्मीदवारी पर वीटो लगाया था तो माकपा महासचिव प्रकाश करात ने पीपुल्स डेमोक्रेसी में एक लेख लिखा था और अमेरिकी रुख की निंदा की थी।
देशाभिमानी (माकपा का मलयाली मुखपत्र) में एक अन्य विशेषज्ञ ने इसी तर्ज पर लिखा था, लेकिन बिना किसी शर्म के ये लोग अब कह रहे हैं कि मैं अमेरिकी एजेंट हूँ।