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Written By भाषा
Last Modified: कानपुर (भाषा) , शनिवार, 16 मई 2009 (21:16 IST)

अकबरपुर में 25 साल बाद कांग्रेस

अकबरपुर में 25 साल बाद कांग्रेस -
अकबरपुर सीट पर कांग्रेस पार्टी को अपनी जगह बनाने में 25 साल लग गए और 1984 के बाद अब 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी ने यहाँ पार्टी का झंडा बुलंद किया है और यहाँ से उसके प्रत्याशी राजाराम पाल चुनाव जीता है।

पाल ने बसपा के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद अनिल शुक्ला वारसी को 32 हजार 27 वोटों से हराया है।

अकबरपुर लोकसभा सीट (पहले इसका नाम बिल्हौर लोकसभा सीट था) पर 1984 में जगदीश अवस्थी चुनाव जीते थे। उसके बाद 1989 में यहाँ से अरुण नेहरू ने जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता था और उन्होंने कांग्रेस के जगदीश अवस्थी को हराया था। फिर यहाँ कभी कांग्रेस उबर नहीं पाई और सभी लोकसभा चुनावों में तीसरे और चौथे स्थान से उसे संतोष करना पड़ रहा था।

इस सीट पर 1991 से 1999 तक चार लोकसभा चुनावों में भाजपा का कब्जा रहा उसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर राजाराम पाल विजयी हुए, लेकिन पाल के कैश फॉर क्वेरी कांड में फँसकर संसद से बर्खास्त होने के बाद यहाँ 2007 में उपचुनाव हुआ, जिसमें बसपा ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और अनिल शुक्ला वारसी बसपा के सांसद बने।

25 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया और उसने बसपा और संसद से निकाले गए राजाराम पाल पर अपना दाँव लगाया और पाल ने कांग्रेस को इस सीट पर जिताकर कांग्रेस का परचम लहराया। पाल अपनी इस जीत को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और महामंत्री राहुल की जीत मानते हैं।