इंडीज दौरे की तरह हो दक्षिण अफ्रीका दौरा
दक्षिण अफ्रीका के हाथों टेस्ट में नंबर एक का दर्जा गँवाने के खतरे से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग अपनी युवा टीम का मनोबल बढ़ाने में जुटे हैं और वे चाहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका का आगामी दौरा 1995 के वेस्टइंडीज दौरे की तरह हो, जिसके बाद टीम ने इतिहास रचा था। ऑस्ट्रेलिया ने कमजोर आक्रमण के बावजूद 1995 में वेस्टइंडीज को परास्त किया था और उसके बाद से ही टीम शीर्ष पर बनी हुई थी और इन गर्मियों में दक्षिण अफ्रीका ही उसे चुनौती दे पाई। ऑस्ट्रेलियाई टीम इन गर्मियों में दक्षिण अफ्रीका से अपनी सरजमीं पर 1-2 से श्रृंखला हार गई। वह 26 जनवरी से जोहान्सबर्ग में शुरू होने वाली श्रृंखला के दौरान अब अपने नंबर एक टेस्ट टीम के दर्जे को बरकरार रखने की कोशिश के लिए चुनौती पेश करेगी। नई गेंद से गेंदबाजी करने वाले ब्रेट ली और स्टुअर्ट क्लार्क की अनुपस्थिति से टीम का आक्रमण कमजोर होगा और 13 वर्ष पहले मार्क टेलर की टीम के साथ भी यही हालत थी क्योंकि तब उनकी क्रेग मैकडरमोट और डेमियन फ्लेमिंग की सलामी जोड़ी चोट से जूझ रही थी। पोंटिंग ने कहा कि हमारे गेंदबाजी आक्रमण में ली और क्लार्क की कमी खलेगी, लेकिन मिशेल जॉनसन, पीटर सिडल और डग बोलिंगर में शानदार अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज बनने की क्षमता है। ये गेंदबाज हमें विश्व की कैसी भी परिस्थितियों में जीत दिलाने के लिए 20 विकेट चटकाने की काबिलियत रखते हैं।पोंटिंग ने 'द ऑस्ट्रेलियन' से कहा कि अगर आप 1995 में वेस्टइंडीज के दौरे को देखें तो उसमें ग्लेन मैग्राथ ने अपनी काबिलियत साबित की थी। उस समय क्रेग मैकडरमोट और कुछ अन्य खिलाड़ी चोटिल थे।